MP sisters suicide News : मध्य प्रदेश के खंडवा से आई एक खबर ने पूरे प्रदेश को चौंका के रख दिया है। यहां एक ही रस्सी से एक पेड़ पर तीन सगी बहनें (MP sisters suicide News) लटकी मिलीं। पुलिस को पहली नजर में यह सुसाइड का मामला लग रहा है। हालांकि, पुलिस को मौके पर सुसाइड नोट नहीं मिला है। तीनों लड़कियां (MP sisters suicide News) आदिवासी परिवार से संबंधित हैं। पुलिस को किसी भी प्रकार का सबूत नहीं मिला है और न ही परिवार वालों ने भी किसी भी तरह के विवाद की बात कही है। तीनों लड़कियों (MP sisters suicide News) की उम्र 19 से 23 साल के बीच की है। पुलिस आत्महत्या के कारण की जांच में जुट गई है।
जानकारी के अनुसार घटना कोठाघाट में बुधवार की रात की है। यहां भिलाला आदिवासी हरलीबाई अपने परिवार के साथ रहती हैं। उनकी 5 बेटियां और 3 बेटे हैं। रात में खाना खाने के बाद सभी सो गए थे। जब रात में हरलीबाई की नींद खुली तो कमरे से तीन बेटियां (MP sisters suicide News) गायब दिखीं। जब बेटियां नहीं दिखाई दी तो वह रात में टॉर्च लेकर निकल गए। घर से कुछ दूर एक ही रस्सी से गले में फंदा डालकर तीनों बहनें (MP sisters suicide News) नीम के पेड़ पर लटकी हुई मिलीं। इसके बाद तुरंत पुलिस को सूचना दी गई। पुलिस की मौजूदगी में तीनों का शव फंदे से निकाला गया। पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में भी पहली नजर में खुदकुशी का मामला सामने आया है।
मामले में चौंकाने वाली बात यह है कि परिवार में कोई विवाद नहीं था न ही लड़कियों (MP sisters suicide News) की शादियों की समस्या थी। लड़कियों के पिता जामसिंह की 5 साल पहले मौत हो चुकी है। सुसाइड करने वाली लड़कियों (MP sisters suicide News) में से सन्नू पढ़ी-लिखी थी इसलिए कयास लगाया जा रहा है कि वह अपनी परेशानी सुसाइड नोट में लिख सकती थी। लेकिन सुसाइड नोट नहीं मिलने से गुत्थी और उलझ गई।
यह सुसाइड नहीं सुसाइड पैक्ट है!
बंसल हॉस्पिटल के वरिष्ठ मनोचिकित्सक और आत्महत्या रोकथाम नीति की एडवोकेसी कर रहे डॉ. सत्यकांत त्रिवेदी का कहना है कि परिवार के सदस्यों द्वारा एक साथ आत्महत्या के इस तरह के मामलों को मनोविज्ञान की भाषा में ‘सुसाइड पैक्ट’ (Suicide pact) कहते हैं। इस जटिल घटना में एक या सब गंभीर मनोवैज्ञानिक अवस्था जैसे सीवियर डिप्रेशन या शेयर्ड सायकोसिस से जूझ रहे होते हैं। इस पैक्ट वाले लोगों को दूसरे रिश्तों से विश्वास उठ जाता है। उन्हें ऐसा लगता है कि उनके जाने के बाद लोग उनके समाज और परिवार के लोग कोई इनका साथ नही देगा। अत्यधिक नकारात्मक हो चुकी इसी मनोदशा के चलते वे साथ में समाप्त करने की योजना बना लेते हैं। ऐसा नहीं है कि ये सब अचानक हो जाता है सुसाइड पैक्ट से जूझ रहे लोग सीवियर डिप्रेशन से जूझ रहे होते हैं और डिप्रेशन की इस स्टेज में पहुंचने में बहुत समय लगता है। इन मरीजों की मनोस्थिति को प्रारंभिक स्थिति में पहचाना जा सकता है।