Bhilai CG News: छत्तीसगढ़ के भिलाई नगर पालिक निगम में राजनीतिक हलचल तेज हो गई है। जहां तीन कांग्रेस पार्षदों जिलाध्यक्ष मुकेश चंद्राकर को इस्तीफा भेज दिया है। तीनों पार्षदों ने पार्टी से इस्तीफा देकर भिलाई महापौर पर कई गंभीर आरोप लगाए।
जानकारी मिल रही है कि तीनों पार्षदों ने अपना मोबाइल भी बंद कर लिया है। वे शहर में भी नहीं है। हालांकि इस पूरे घटनाक्रम के बीच अभी कांग्रेस जिलाध्यक्ष ने इस्तीफा स्वीकार नहीं किया है।
जानकारी मिली है कि कांग्रेस पार्टी से इस्तीफा (Bhilai CG News) देने वाले वार्ड 3 के पार्षद हरिओम तिवारी, वार्ड 9 की पार्षद रानू साहू और वार्ड 6 के पार्षद रविशंकर कुर्रे हैं। तीनों पार्षद अपने वार्ड में विकास नहीं होने से नाराज थे। इसको लेकर कई बार एमआईसी में अपनी मांगे रखी, लेकिन इस ओर ध्यान नहीं दिया गया, इससे आक्रोशित पार्षदों ने इस्तीफा भेज दिया।
भिलाई विधायक के साथ भी की बैठक
पार्षदों के इस्तीफे के बाद आनन फानन में बैठक आयोजित की गई। बैठक में जिलाध्यक्ष मुकेश चंद्राकर (Bhilai CG News) ने तीनों पार्षदों को मेयर नीरज पाल के बंगले पर बुलाया। यहां भिलाई विधायक देवेंद्र यादव, महापौर नीरज पाल भी मौजूद रहे। यहां बैठक में इस्तीफे को लेकर चर्चा की गई।
पार्षद के इस्तीफे स्वीकार नहीं
इधर पार्षदों के इस्तीफे (Bhilai CG News) से कांग्रेस में हड़कंप मच गया है। जिलाध्यक्ष मुकेश चंद्राकर ने तीनों पार्षदों के इस्तीफे स्वीकार नहीं किए हैं। उन्होंने कहा कि तीनों त्याग पत्र पर विचार विमर्श किया जाएगा। इसके बाद निर्णय लिया जाएगा। जानकारी मिली है कि बार-बार मान मन्नौवल वाले फोन से परेशान तीनों पार्षदों ने इस्तीफा सौंप दिया है। इसके साथ ही शहर सरकार पर गंभीर आरोप लगाए हैं।
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कांग्रेस के बहुमत पर खतरा
इधर भिलाई नगर पालिक निगम (Bhilai CG News) में बीजेपी के 24 पार्षद हैं। इधर सत्ता पक्ष कांग्रेस के 37 और निर्दलीय मिलाकर कुल 46 पार्षद थे। इनमें से कांग्रेस के दो पार्षदों की सदस्यता समाप्त कर दी गई है। ऐसे में कांग्रेस के पास निर्दलीय समेत 44 पार्षद बचे हैं। इसके पहले पिछली एमआईसी की बैठक के बाद चार पार्षद नाराज हो गए थे। ये निर्दलीय 4 पार्षद बीजेपी के समर्थन में आ गए।
इसके चलते विपक्ष बीजेपी के पास 28 और सत्तापक्ष कांग्रेस के पास 40 पार्षद बचे हैं। इसके अलावा यदि कांग्रेस के तीन और पार्षद पार्टी से त्याग पत्र दे देते हैं और बीजेपी को समर्थन करें तो बीजेपी के पास संख्या 31 हो जाएगी। जबकि कांग्रेस की घटकर संख्या 37 रह जाएगी। ऐसे में शहर सरकार को बहुमत सिद्ध करने की नौवत आई तो बीजेपी आसानी से 9-10 पार्षद अपनी ओर, और समर्थन के लिए खींच सकती है।