दिल्ली। Three Criminal Law Bills: बुधवार को लोकसभा में क्रिमिनल लॉ (Three criminal law bills) से जुड़े तीन बिल पास हो गए। आपराधिक संशोधन विधेयकों पर चर्चा और केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के जवाब के दौरान विपक्ष के 97 सांसद निलंबित होने के चलते गैरमौजूद रहे। इस दौरान गृह मंत्री अमित शाह (Home Minister Amit Shah) ने कहा कि मोदी सरकार पहली बार आतंकवाद की व्याख्या करने जा रही है, इसके साथ ही राजद्रोह को देशद्रोह में बदला जा रहा है।
अब नए क्रिमिनल लॉ (Three criminal law bills) बिलों को राज्यसभा में रखा जाएगा। राज्यभा से पास होने के बाद इसे मंजूरी के लिए राष्ट्रपति के पास भेजा जाएगा।
नए बिल किए गए पेश
नए कानून में आतंकवाद, महिला विरोधी अपराध, देश द्रोह और मॉब लिंचिंग से संबधित नए बिल पेश किए गए। लोकसभा में चर्चा के जवाब में गृह मंत्री शाह ने कहा कि सीआरपीसी में पहले 484 धाराएं थीं, अब इसमें 531 धाराएं होंगी। उन्होंने आगे कहा कि- इन बिलों के पेश करने का उद्देशय कानून व्यवस्था को बेहतर बनाना है।
अंग्रेजों के बनाए कानून में कर रहे बदलाव-शाह
आपको बता दें कि मोदी सरकार सीआरपीसी, आईपीसी की जगह भारतीय न्याय संहिता बिल-2023, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता-2023 और भारतीय साक्ष्य बिल- 2023 (Three criminal law bills) लेकर आई है। शाह ने कहा है कि मोदी सरकार अंग्रेजों के जमाने के कानूनों में बदलाव कर रही है।
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नाबालिग से रेप और मॉबलिंचिंग पर होगी फांसी
महिलाओं के खिलाफ अत्याचार को लेकर पेश हुए बिल में नाबालिग से रेप और मॉबलिंचिंग जैसे क्राइम में फांसी की सजा दी जाएगी। वहीं गैंगरेप के मामलों में अब 20 साल की सजा या आजीवन कारावास का प्रवाधान किया गया है। इसके अलावा पहचान छुपाकर या झूठ बोलकर यौन संबध बनाना भी क्राइम माना जाएगा। यौन हिंसा के मामलों में पीड़िता के बयान उसके घर पर महिला न्यायिक मजिस्ट्रेट ही रिकॉर्ड कर सकेगी। बयान रिकॉर्ड करने के दौरान महिला पुलिस अधिकारी का मौजूद रहना भी अनिवार्य है।
राजद्रोह कानून हुआ खत्म
नए बिल में केंद्र की मोदी सरकार ने राजद्रोह कानून को खत्म कर दिया है। राजद्रोह कानून खत्म करने पर अमित शाह ने कहा कि- मैंने राजद्रोह की जगह उसे देशद्रोह कर दिया है। क्योंकि अब देश आजाद हो चुका है, लोकतांत्रिक देश में सरकार की आलोचना कोई भी कर सकता है। अगर कोई देश की सुरक्षा, संपत्ति को नुकसान पहुंचाने का काम करेगा तो उसके खिलाफ कार्रवाई होगी और उसे जेल जाना होगा।
कानून की कमी का फायदा नहीं उठा पाएंगे आतंकवादी
बिल पेश करते हुए अमित शाह ने कहा कि- आतंकवाद की व्याख्या अब तक किसी भी कानून में नहीं थी। पहली बार अब मोदी सरकार आतंकवाद की व्याख्या करने जा रही है। अब आतंकवाद को दंडनीय अपराध बनाया गया है। इससे कोई भी आतंकवादी कानून की किसी भी कमी का फायदा नहीं उठा सकेगा।
गिरफ्तारी के बाद परिवार को सूचित करेगी पुलिस
चर्चा के जवाब में शाह ने कहा कि, “नए कानून में अब पुलिस की भी जवाबदेही तय होगी। पहले किसी की गिरफ्तारी होती थी, तो उसके परिवार के लोगों को जानकारी ही नहीं होती थी। अब कोई गिरफ्तार होगा तो पुलिस उसके परिवार को जानकारी देगी। किसी भी केस में 90 दिनों में क्या हुआ, इसकी जानकारी पुलिस पीड़ित को देगी।
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