Lucknow Viral: लखनऊ की एक बुर्के वाली महिला का वीडियो इंटरनेट पर बहुत तेजी से वायरल हो रहा है। खास बात है कि ये स्विगी का बैग में लिए पैदल ही सामान पहुंचाती है। इनका नाम रिजवाना है और ये बेहद गरीब परिवार से आती हैं। रिजवाना लखनऊ के जगतनारायण रोड पर जनता नगरी कॉलोनी में एक कमरे के घर में रहती हैं। वायरल हो रही महिला के बारे में आपको यह बात जानकर हैरानी होगी वह स्विगी, ऑनलाइन फूड डिलेवरी कंपनी के लिए काम नहीं करती है, उसने केवल डिस्पोजेबल सामान वितरित करने के लिए स्विगी का बैग खरीदा है।
स्विगी बैग के पीछे की कहानी
रिजवाना ने समाचार एजेंसी ANI को बताया, “मैं डिस्पोजेबल कटलरी बेचती हूं, डोर-टू-डोर और स्थानीय दुकानों पर जाती हूं। मैं सामान को एक बैग में ले जाती थी जो फट गया था। फिर मैंने इस ‘स्विगी’ बैग को 50 रुपये में खरीदा। ” उसने आगे बताया उसके पति रिक्शा चलाते थे, तीन साल पहले पति ने उसे छोड़ दिया। रिजवाना के चार बच्चें हैं और उनकी सबसे बड़ी बेटी की शादी दो साल पहले हुई थी। अब, रिजवाना के पास तीन बच्चें – बुशरा (19 वर्ष), नशरा (7 वर्ष) और उनके बेटे मोहम्मद यासीन के परवरिश की जिम्मेदारी है।
बच्चों की पढ़ाई के लिए 6-7 किमी पैदल चलती है
एएनआई से बात करते हुए, रिजवाना ने कहा कि उनके लिए काम करना बहुत जरुरी था क्योंकि वह चाहती हैं कि उनके बच्चों को पढ़ाई में किसी प्रकार की परेशानी न हो। रिजवाना ने कहा “मैंने हाल ही में अपनी छोटी बेटी को एक स्कूल में दाखिला दिलाया है, और अगले साल अपने बेटे को दाखिला दिलवाऊँगी। ” डिलीवरी के काम के साथ-साथ, मैं अधिक कमाई करने के लिए घरेलू सहायिका के रूप में भी काम करती हूं। मैं लगभग 6-7 किलोमीटर पैदल चलती हूं, लेकिन पूरे दिन काम करने के बाद अंत में मेरी कुल बचत लगभग 60-70 रुपये ही होती है।
रिजवाना की सरकार से मांग की है कि सरकार उन्हें रहने के लिए घर दे दें। जिसके बाद वह रूखी सूखी चटनी रोटी खाकर और अपना यही काम करके गुजारा कर लेंगी। रिजवाना ने यह भी बताया कि आसपास के लोग उनके मेहनत की तारीफ किया करते हैं। क्योंकि उसने किसी के आगे हाथ नहीं फैलाया।