मंडला। देश सहित मध्यप्रदेश में कोरोना ने जमकर तबाही मचाई है। कई लोग इस महामारी में अपनों को भी खो चुके हैं। एक समय पूरे देश में आए दिन कोरोना के लाखों मामले मिलते थे। वहीं मध्यप्रदेश में भी कोरोना का कुछ इसी तरह से हाल था। हालांकि प्रदेश सरकार ने कोरोना में काफी नियंत्रण पाया है। बीते दिन कोरोना के केवल 89 मामलों की ही पुष्टि हुई है। वहीं कोरोना मामले में इस तरह की कमी देखते हुए प्रदेश के कम्यूनिटी मॉडल की हर
कोई तारीफ कर रहा है। प्रदेश के मंडला जिले के मोतीनाला गांव ने भी कोरोना को कंट्रोल करने के लिए कुछ ऐसी पहल की जिसके चर्चे पूरे प्रदेशभर में है।
मास्क का किया पालन
कोरोना महामारी के दौरान सरकार ने पूरे देश में मास्क का पालन करवाया इसके लिए ‘दो गज दूरी, मास्क है जरूरी का स्लोगन भी दिया था। वहीं मास्क का पालन करते हुए जहां कई राज्यों ने कोरोना से जीत हासिल की ऐसा
ही कुछ देखने को मिला मंडला जिले के मोतीनाला गांव में भी। जहां लोगों ने सरकार के इस नियम का पालन किया और जब पूरे प्रदेश में कोरोना के लगातार मामले बढ़ते जा रहे थे उस वक्त यह गांव संक्रमण को मात दे चुका था।
नक्सल प्रभावित इलाका है मोतीनाला गांव
मोतीनाला गांव छत्तीसगढ़ बॉर्डर से लगा नक्सल प्रभावित इलाकों में से एक है। नक्सली इलाका होने की वजह से यहां शासक को किसी भी तरह का जागरुकता कार्य करवाने में काफी चुनौतियों का सामना करना पड़ता है। इसी तरह कोरोना के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए सरकार को यहां काफी मशक्कत करनी पड़ी थी। हालांकि इस गांव के लोगों ने सरकार द्वारा बनाए गए कोरोना प्रोटोकॉल को समझा और इसका सही तरह से पालन कर कोरोना को मात दी। जानकारी के मुताबिक इस गांव में एक समय में 14 संक्रमित मिले थे। जिसके बाद स्वास्थ्य विभाग इस इलाके को लेकर सक्रिय हो गया और रणनीति तैयार कर इस गांव को तीन जोन में बांटा। वहीं तैयार किए गए रेड जोन को पूरी तरह से सील कर दिया गया और यहां कोरोना मरीजों को रखा गया। वहीं जिन मरीजों की हालत गंभीर थी। उन्हें कोविड सेंटर्स में भर्ती करवाया गया।
मात्र 10 दिन में दी कोरोना को मात
नक्सल प्रभावित इलाका होने के बाद भी यहां के लोगों ने पूरी तरह से शासन का साथ दिया और कोरोना गाइडलाइन का पालन किया। साथ ही सरकार द्वारा बनाए गए कम्यूनिटी मॉडल का भी इस गांव में पूरी तरह से पालन किया गया और इसका परिणाम मोतीनाला गांव में कुछ ही दिनों में देखने को मिल गया, मात्र 10 दिनों में यह गांव पूरी तरह से कोरोना मुक्त हो गया। कोरोना प्रोटोकॉल का सही तरह से पालन करने और कोरोना को हराने के बाद इस गांव के चर्चे दूर-दूर तक है।