Indias Famous Ganesh Mandir: गणेश चतुर्थी 2024 एक महत्वपूर्ण हिंदू त्योहार है जिसे पूरे भारत में बड़े धूमधाम और श्रद्धा के साथ मनाया जाता है। यह त्योहार भगवान गणेश के जन्मोत्सव के रूप में मनाया जाता है, जो बुद्धि, समृद्धि और सौभाग्य के देवता माने जाते हैं।
गणेश चतुर्थी की शुरुआत भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि से होती है और दस दिनों तक चलती है। इस दौरान भक्त गणेश जी की प्रतिमाओं की स्थापना अपने घरों और पंडालों में करते हैं और उनकी पूजा-अर्चना करते हैं।
आज हम आपको देश के कुछ प्रसिद्ध और बड़े गणेश मंदिर के बारे में बताएंगे।
सिद्धिविनायक मंदिर, मुंबई: मुंबई के प्रभादेवी इलाके में स्थित सिद्धिविनायक मंदिर भगवान गणेश के सबसे लोकप्रिय मंदिरों में से एक है। इस मंदिर का निर्माण 1801 में हुआ था। यहां भगवान गणेश की एक छोटी लेकिन बेहद प्रभावशाली मूर्ति है।
जिसमें उनकी सूंड दाहिनी ओर मुड़ी हुई है, जो इसे अन्य गणेश मूर्तियों से अलग बनाती है। देश-विदेश से भक्त यहां दर्शन करने आते हैं और माना जाता है कि इस मंदिर में की गई का फल अवश्य मिलता है।
दगडूशेठ हलवाई गणपति मंदिर, पुणे: पुणे के प्रसिद्ध दगडूशेठ हलवाई गणपति मंदिर का निर्माण 1893 में एक हलवाई व्यापारी, श्री दगडूशेठ हलवाई ने किया था। इस मंदिर का गणेश उत्सव बहुत धूमधाम से मनाया जाता है और इसमें पूरे महाराष्ट्र से भक्त शामिल होते हैं।
मंदिर की गणेश मूर्ति बहुत ही भव्य है और इसका श्रृंगार सोने से किया गया है।
रणथंभोर गणेश मंदिर, राजस्थान: राजस्थान के सवाई माधोपुर जिले में स्थित यह मंदिर त्रिनेत्र गणेश के नाम से प्रसिद्ध है। यह मंदिर रणथंभोर किले के भीतर स्थित है और यह देश का एकमात्र ऐसा मंदिर है जहां गणेश जी के पूरे परिवार की मूर्तियां एक साथ स्थापित हैं।
यहां लोग अपने विवाह के निमंत्रण पत्र पहले गणेश जी को भेजते हैं, जिससे उनका आशीर्वाद मिल सके।
कनिपक्कम विनायक मंदिर, आंध्र प्रदेश: आंध्र प्रदेश के चित्तूर जिले में स्थित यह मंदिर गणेश जी के चमत्कारिक रूप से प्रकट होने के कारण प्रसिद्ध है। माना जाता है कि भगवान गणेश की मूर्ति पानी से उभरकर सामने आई थी।
यह मंदिर आज भी कई भक्तों के लिए एक रहस्य बना हुआ है और यहां दर्शन करने से विशेष रूप से न्याय संबंधी मामलों में विजय प्राप्त होती है।
श्री बल्लालेश्वर मंदिर, पाली: महाराष्ट्र के रायगढ़ जिले में स्थित यह मंदिर अष्टविनायक मंदिरों में से एक है। यहां गणेश जी का बल्लालेश्वर रूप में पूजन किया जाता है। यह मंदिर गणपति के उन आठ रूपों में से एक है जिन्हें “अष्टविनायक” के रूप में जाना जाता है।
बल्लालेश्वर मंदिर की एक खासियत यह है कि इसका गर्भगृह इस तरह से बना है कि सूरज की किरणें सीधे गणेश जी की मूर्ति पर पड़ती हैं।