हाइलाइट्स
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गरीब बच्चों को दी जा रही मुफ्त शिक्षा
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500 बच्चें स्पेशल क्लास का ले रहे लाभ
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रिटायर्ड अधिकारी आते हैं पढ़ाने
इंदौर। MP News: जिले में चल रही स्पेशल क्लास के चर्च अब प्रदेशभर में हो रहे हैं। इस क्लास के जरिए कई गरीब बच्चे पढ़कर अपने भविष्य को सवार रह हैं। स्पेशल क्लास खुले आसमान के नीचे संचालित होती है।
यहां पर रिटायर्ड अधिकारी बच्चों को पढ़ाते हैं। गरीबी बच्चों का भविष्य सावरने किए जा रहे इस प्रयास को लोगों के द्वारा सहारा जा रहा है। इस स्पेशल क्लास में बच्चे किताबी ज्ञान के साथ नैतिक शिक्षा की सीख भी ले रहे हैं।
पानी की टंकी के नीचे हो रही पढ़ाई
स्पेशल क्लास में कुछ बच्चें लिखने में व्यस्त है, कुछ बच्चों की चमकदार आंखें जिज्ञासा के साथ क्लास के बोर्ड पर टिकी हुई हैं। ये तस्वीर इंदौर के स्कीम नंबर 113 की है। यहां पानी की टंकी के नीचे ओपन स्काई क्लास चलती है।
8 बच्चों से शुरु हुआ था सफर
यहां सैकड़ों बच्चों को मुफ्त में शिक्षा देकर उनका जीवन संवारा जा रहा है. स्पेशल क्लास की फाउंडर ललिता शर्मा का कहना है कि 8 बच्चों के साथ शुरू हुए इस सफर में न जानें कितने बच्चे यहां से पढ़कर अच्छी कंपनियों में जॉब कर रहे हैं।
अब 500 बच्चे पढ़ रहे
उन्होंने बताया कि अब भी स्पेशल क्लास में 500 से ज्यादा बच्चे पढ़ रहे हैं, खास बात यह है कि इनमें से कुछ बच्चे ऐसे भी हैं, जिनके माता-पिता मजदूरी करते हैं और कई बच्चे तो मजदूरी करने के बाद में शाम के वक्त इस क्लास में पढ़ने के लिए आते हैं। फाउंडर ललिता शर्मा ने कहा क्लास में आने वाले बच्चों से किसी भी तरह की फीस नहीं ली जाती।
रिटायर्ड अधिकारी शिल्पांजलि शिंदे बच्चों को पढ़ा रही
बच्चों को पढ़ाने वाली इनकम टैक्स विभाग से रिटायर्ड अधिकारी शिल्पांजलि शिंदे ने बताया कि नौ बरस पहले बच्चों को पढ़ाना शुरू किया था। मैं यहां पर प्रत्येक क्लास के बच्चों को पढ़ाती हूं।
संस्था के जरिए आसपास की बस्तियों में जाकर बच्चों और उनके माता-पिता की काउंसलिंग भी की जाती है, ताकि शिक्षा की अहमियत समझाई जा सके। आज संस्था से निकले कई बच्चों ने मुकाम हासिल किया है। इसी क्लास से पढ़ने के बाद बंगलुरु से आईआईटी पास कर चुके मोहित कटारे ने एक कंपनी ज्वॉइन की है.
यहां पढ़ने वाले बच्चे कहते हैं कि इस क्लास में आने के लिए वे अपने माता पिता से जिद करते हैं, कुछ बच्चे डॉक्टर बनना चाहते हैं तो कुछ इंजीनियर, हर बच्चे की आंखों में कुछ बनने का सपना है।
दोपहर 2 बजे के बाद शुरू होने वाली क्लासेस शाम 7-8 बजे तक चलती हैं। क्लास के साथ ही बच्चों को सिलाई,आर्ट और क्राफ्ट भी सिखाया जाता है। यहां 500 से ज्यादा बच्चे हैं जिन्हें 15 सीनियर और 32 जूनियर टीचर्स पढ़ाते हैं।