World News: जहां यूक्रेन के NATO में शामिल होने के अटकलों के बीच रूस ने यूक्रेन पर सैनिक कार्रवाई कर दी थी। अब उसका अंजाम पूरी दुनिया देख रही है। पिछले 1 साल से यूक्रेन में सैनिक गतिरोध खत्म होंने का नाम नहीं ले रहा है। वहीं रूस अपने पड़ोसियों को बार बार NATO में शामिल होने पर सानिक कार्रवाई की धमकी देता रहता है। इसी बीच पुतिन की धमकियों को नजरअंदाज करते रूस का पड़ोसी देश फिनलैंड NATO में शामिल हो गया है।
फ़िनलैंड की NATO में सदस्यता तब आधिकारिक हो गई जब उसके विदेश मंत्री ने अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन को अपनी प्रक्रिया को पूरा करने वाले दस्तावेज़ सौंपे। बता दें कि फिनलैंड एक ऐसा देश था जिसने द्वितीय विश्व युद्ध में सोवियत संघ द्वारा अपनी हार के बाद किसी एक तरफ जाने की बजाय न्यूट्रल होने का रास्ता चुना था। लेकिन यूक्रेन पर रूसी हमले के बाद उसका इरादा बदल गया।
पिछले साल नाटो में शामिल होने का किया था ऐलान
बता दें कि फिनलैंड का NATO में शामिल होने का कदम पुतिन के लिए एक रणनीतिक और राजनीतिक झटका है। पिछले साल मई में फिनलैंड ने जब नाटो में शामिल होने का ऐलान किया था, तो इससे रूस भड़क गया था। रूस के विदेश मंत्रालय ने बयान जारी कर कहा था, ‘अगर फिनलैंड नाटो का सदस्य बनता है तो इससे रूस-फिनलैंड के रिश्तों के साथ-साथ उत्तरी यूरोप में स्थिरता और सुरक्षा को गंभीर नुकसान होगा।’
वहीं एक बार फिर रूस ने चेतावनी दी कि फिनलैंड के NATO में शामिल होने के बाद संभवित खतरों से निपटने के लिए जरूरी कदम उठाएगा। साथ ही चेतावनी में कहा गया है कि अगर नाटो अपने 31वें सदस्य देश फिनलैंड में कोई अतिरिक्त सैनिक या उपकरण भेजता है तो रूस फ़िनलैंड के पास सुरक्षा बलों की संख्या में बढ़ोतरी कर देगा।
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क्या फिर शुरू होगा युद्ध?
बता दें कि साल 2008 में जॉर्जिया ने नाटो से जुड़ने की कोशिशें की थी जिसके बाद रूस भड़क उठा था। उस समय पुतिन ने कहा था, ‘रूस की सीमा तक नाटो के विस्तार को हमारे देश पर सीधा हमला माना जाएगा।’ फिर क्या था अगस्त 2008 में रूस ने जॉर्जिया में अपनी सेना भेज दी। महज 5 दिनों के अंदर ही रूस ने जॉर्जिया के दो इलाके- साउथ ओसेशिया और अबकाजिया को अलग स्वतंत्र देश के तौर पर मान्यता दे दी। हालांकि संयुक्त राष्ट्र ने अभी कर दोनों को मान्यता नहीं दी है।
ठीक उसी तरह जब यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की ने नाटो में शामिल होने की कोशिशें कीं तो पुतिन का भड़कना लाजमी था। फिर क्या हुआ ये हमारे सामने है। 24 फरवरी, 2022 को पुतिन ने यूक्रेन में जंग छेड़ दी। जो अब तक खत्म नहीं हुआ है।
इन दोनों घटनाओं की वजह से अंदाजा लगाया जा रहा है कि पुतिन दुनिया के सबसे खुशहाल देश फिनलैंड पर हमला कर सकते है। हालांकि आने वाले दिनों में देखना दिलचस्प होगा कि पुतिन कार्रवाई करते है या नहीं।
क्या है नाटो?
NATO यानी नॉर्थ अटलांटिक ट्रीटी ऑर्गनाइजेशन। ये एक सैन्य गठबंधन है, जिसका मकसद साझा सुरक्षा नीति पर काम करना है। इसका गठन साल 1949 में किया गया था। अगर कोई बाहरी देश किसी नाटो देश पर हमला करते है तो उसे बाकी सदस्य देशों पर हुआ हमला माना जाएगा और उसकी रक्षा के लिए सभी देश मदद करेंगे।