Sinking New York: अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा के मुताबिक, न्यूयॉर्क शहर लगातार डूब रहा है। इसकी वजह शहर का भार (Weight)है। रिपोर्ट के मुताबिक, शहर के आर्थर ऐश स्टेडियम, कोनी द्वीप और लागार्डिया हवाई अड्डा आने वाले संभावित आपदा से तबाह होने वाले जगहों में सबसे पहले होंगे।
इस रिपोर्ट को नासा के जेट प्रोपल्शन लैबरोटरी और रुटगर्स यूनिवर्सिटी ने साथ मिलकर तैयार किया। इस रिपोर्ट में बताया गया है कि 2016 से 2023 के बीच आर्थर ऐश स्टेडियम और लागार्डिया हवाई अड्डा 4.6 मिलीमीटर और 3.7 मिलीमीटर तक धंस चुका है।
समुद्र के लगातार बढ़ते जलस्तर के बाद न्यूयॉर्क के डूबने का खतरा लगातार बढ़ रहा है। शोधकर्ताओं ने रिपोर्ट में लिखा, न्यूयॉर्क के तटीय इलाके को बाढ़ से बचाना एक सतत चुनौती है।
न्यूयॉर्क के इलाके जो तेजी से डूब रहे हैं उनमें गवर्नर्स द्वीप का दक्षिणी भाग, स्टेटन द्वीप में मिडलैंड और साउथ बीच, और दक्षिणी क्वींस शामिल है। संयुक्त राज्य भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण की हालिया रिपोर्ट में जानकारी दी गई है कि न्यूयॉर्क शहर की 10 लाख से ज्यादा इमारतों का वजन लगभग 1.7 ट्रिलियन पाउंड है, इस वजह से ही शहर को धरती धीरे-धीरे निगल रही है।
नाखून के बढ़ने की गति धंस रहा है शहर
वैज्ञानिकों ने पाया है कि न्यूयॉर्क का शहरी इलाका हर साल लगभग 1।6 मिलीमीटर हो गया है, ये उतना ही है जितना हर महीने पैर का नाखून बढ़ता है।
यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी ने सेंटिनल -1 उपग्रहों के रडार के जरिए डेटा प्रोसेसिंग तकनीकों का इस्तेमाल किया। स्पेस एजेंसी ने आसपास के इलाकों और धरती के लगातार धंसने को लेकर स्टडी किया। स्टडी में पता चला कि शहर औसत से ज्यादा तेजी से कम हो रहा हैं।
क्या पानी में डूब जाएगा शहर?
जेपीएल वैज्ञानिक डेविड बेकर्ट ने कहा है कि शहर के लगातार धंसने के साथ-साथ समुद्र स्तर पर नजर रखना महत्वपूर्ण है। ये इसलिए भी जरूरी है क्योंकि पृथ्वी की बदलती जलवायु दुनिया भर के महासागरों को दबाव बनाती है जिससे बाढ़ जैसी घटनाएं ज्यादा होती हैं और विनाशकारी तूफान की संभावनाएं बनती हैं।
न्यूयॉर्क को बचाने के लिए अमेरिका लेगा भारत की मदद
न्यूयॉर्क को लेकर आगे की स्टडी इसरो और नासा के लॉन्च होने वाले सैटेलाइट NISAR के जरिए होगी। यह मिशन पूरी दुनिया को इस तरह की प्राकृतिक आपदाओं से बचाने का तरीका सुझाएगी। हालात बताएगी। समुद्री जलस्तर के ऊपर उठने से लेकर तूफान आने तक। ग्लेशियर पिघलने से लेकर ज्वालामुखी के फटने तक। यह सैटेलाइट पूरी दुनिया की जमीन में होने वाली हलचल पर नजर रखेगा।
न्यूयॉर्क के धंसने की सबसे बड़ी वजह उसके ऊपर बनी अत्यधिक ऊंची इमारतें हैं। इस शहर का कुछ हिस्सा बहुत तेजी से धंस रहा है। न्यूयॉर्क के ऐसे इलाकों में करीब 80 लाख लोग रहते हैं। ये सभी इलाके निचले हैं। ये तेजी से धंस रहे हैं। इनमें पानी भरने का खतरा हमेशा बरकरार है। यूएसजीएस के जियोलॉजिस्ट टॉम पार्सन्स ने कहा कि इससे भविष्य में बाढ़ का भी खतरा रहता है। 2020 तक इंसानों ने कई चीजों को बनाकर धरती पर वजन बढ़ा दिया था।
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