बालाघाट। कोरोना महामारी के आने के बाद प्रदेश सहित पूरी दुनिया के व्यापार और रोजगार पर गाज गिरी है। कई लोगों के व्यापार ठप्प हो गए और कई लोगों को अपनी नौकरी से हाथ धोना पड़ा है। ऐसे में कई लोगों ने अपने जोश और जज्बे के साथ आत्मनिर्भरता की मिशाल पेश की है। प्रदेश के बालाघाट जिले की 14 महिलाओं ने आत्मनिर्भरता की ऐसी ही मिशाल की है। इन महिलाओं की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी तारीफ की है। मोदी ने कहा कि इन महिलाओं ने कोरोना जैसी भयानक महामारी के बाद भी हार नहीं मानी और खुद के लिए रोजगार पैदा किया। मोदी ने इन महिलाओं की सोच और जज्बे को जमकर सराहा है।
महिलाओं ने शुरू की खुद की राइस मिल
दरअसल बालाघाट जिले में आने वाले चिचगांव में कुछ आदिवासी महिलाएं अपने गांव से 12 किमी दूर बिरसा राइस मिल में दिहाड़ी पर काम करती थीं। कोरोना महामारी के बाद यह मिल बंद हो गई। इसके बाद महिलाओं के सामने रोजगार का संकट खड़ा हो गया, लेकिन यहां की महिलाओं ने हार नहीं मानी। इन महिलाओं ने खुद ही तय किया कि वे यह मिल खुद ही चलाएंगी। मीना रहंगडाले नाम की महिला ने 13 अन्य महिलाओं के साथ मिलकर एक स्वयं सहायता समूह बनाया। इन महिलाओं ने अपनी बचत की पूंजी का पैसा इकट्ठा किया और कुछ पैसा आजीविका मिशन के तहत बैंक से कर्ज ले लिया। पैसा इकट्ठा कर महिलाओं ने राइस मिल खरीद ली। अब महिलाएं खुद मालिक बनकर इस मिल को चला रहीं हैं। अब तक महिलाएं इस मिल से तीन लाख रुपए कमा चुकीं हैं। महिलाएं इस मिल की कमाई से पहले लोन चुकाने की तायारी कर रहीं हैं। इसके बाद यहां की मिल का विस्तार करने की भी योजना बना रही हैं।
कलेक्टर ने भी की तारीफ
जिले के कलेक्टर दीपक आर्या ने बताया कि मीना रहंगडाले इस समूह की मुखिया हैं। मीना ने बीए की डिग्री हासिल की है। अब मीना अपने समूह के साथ मिलकर यह राइस मिल चला रही हैं। आर्या ने कहा कि इस समूह ने अन्य महिलाओं को भी आत्मनिर्भर बनने के लिए प्रेरित किया है। बता दें कि बालाघाट जिला लिंगअनुपात के मामले में भी प्रदेश में शीर्ष पर है। यहां 1000 पुरुषों पर 1021 महिलाएं हैं।