Indian Spices Benefits: हमारे किचन में मौजूद मसाले का उपयोग हम सब्जियों का स्वाद बढ़ाने के लिए करते हैं. हमारे भोजन में स्वाद के लिए मसाले अहम भूमिका निभाते हैं. लेकिन क्या आप जानतें हैं आपके किचन में रखे मसाले कई इलाजों का उपचार कर सकते हैं.
रिसर्च में भी माना गया है कि भारतीय मसाले सिर्फ स्वाद के लिए नहीं बल्कि इनमें मौजूद औषधीय गुण भी आपके स्वाद के लिए बहुत फायदेमंद होते हैं. कई मसाले तो ऐसे होते हैं जो रोगों को दूर करने के साथ-साथ उनके खतरों को कम करने की क्षमता रखता है.
आज हम आपको कुछ मसालों के बारे में बताएंगे जिनके सेवन से आप कई रोगों से बच सकते हैं.
पेट दर्द के लिए
पेट दर्द के लिए एक चम्मच शुद्ध घी में हींग मिला कर पीने से काफी आराम मिलता है। एक-एक चम्मच पुदीने और नींबू के रस में आधा चम्मच अदरक का रस और थोड़ा-सा काला नमक मिला कर पीने से भी आराम मिलेगा। इसके अलावा सेंधा नमक मेें एक-दो ग्राम अजवाइन की सूखी और पिसी पत्तियां खाने से पेट दर्द में राहत मिलती है।
दांत दर्द के लिए
दांत दर्द के लिए लौंग से अच्छी दवा शायद ही कोई होगी। नमक और काली मिर्च के एक-चौथाई चम्मच मिश्रण में कुछ बूंद पानी मिला कर लगाने से भी फायदा होता है। इसके अलावा अजवायन की पत्ती का तेल लगाने से भी दांत के दर्द में राहत मिलती है।
अगर आपके पास और कोई आप्शन नहीं है तो आप कच्चे प्याज के टुकड़े को कम से कम 3 मिनट तक चबा सकते हैं। काफी आराम मिलेगा।
सिर दर्द के लिए
सिर दर्द अधिकतर लोगों की समस्या होती है। इसके लिए दालचीनी को पानी के मिलाकर बारीक पेस्ट बना लें। अब इस पेस्ट को अपने माथे पर लगाकर छोड़ दें। यकीन मानिए दालचीनी मसाला सिर दर्द करने के लिए दवा से भी अच्छा मसाला है।
इसके अलावा 10-20 ग्राम तुलसी के पत्ते चबाने से या एक कप पानी में काढ़ा बना कर पीने से भी सिर दर्द में बहुत फायदा मिलता है।
खांसी-जुकाम के लिए
खांसी-जुकाम के लिए अगर आपको तरह-तरह के सिरप और दवाओं का इस्तेमाल कर के भी कोई आराम नहीं है या फिर आप जुकाम जैसी सामान्य बीमारी के लिए दवा लेना नहीं चाहते हैं तो आप काली मिर्च और लौंग का सेवन कर सकते हैं।
ये दो किचन के ऐसे मसाले हैं जो खांसी-जुकाम सही करने के लिए दवाओं से भी जल्दी असर करते हैं।
गठिया में हल्दी के फायदे
हल्दी में एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण दोनों ऑस्टियोआर्थराइटिस और रूमेटाइड गठिया के इलाज के लिए बढ़िया होती है। इसके अलावा हल्दी की एंटीऑक्सिडेंट गुण शरीर में मुक्त कणों (फ्री रेडिकल्स) को नष्ट कर देते हैं जो शरीर को शरीर को नुकसान पहुंचा सकती है।
यह पाया गया है कि रूमेटाइड आर्थराइटिस से पीड़ित लोग जो हल्दी का नियमित आधार पर कंसम्पशन करते हैं, उन्हें इसकी वजह से हल्के जोड़ो के दर्द और साथ ही सूजन से राहत मिलती हैं।
डायबिटीज को कंट्रोल करने में मदद
हल्दी को डायबिटीज के इलाज में इंसुलिन के स्तर को कम करने के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है। यह ग्लूकोज कंट्रोल में सुधार लाता है और डायबिटीज के इलाज के लिए इस्तेमाल दवाओं के प्रभाव को बढ़ाता है। हल्दी टाइप -2 डायबिटीज की शुरुआत को रोक सकता है।
हालांकि, हल्दी का सेवन यदि अधिक दवाइयों के साथ किया जाये तो यह हाइपोग्लाइसीमिया (ब्लड शुगर ) स्थिति उत्पन्न कर सकती है। इसलिए हल्दी के कैप्सूल लेने से पहले अपने डॉक्टर से सलाह अवश्य लें।