Kishore Kumar Birthday Special: "पांच रुपए बारह आने" का उधार था तो बना दिया गाना, आज है ऐसे महान कलाकार किशोर कुमार का जन्मदिन

Kishore Kumar Birthday Special: “पांच रुपए बारह आने” का उधार था तो बना दिया गाना, आज है ऐसे महान कलाकार किशोर कुमार का जन्मदिन

शेख रेहान, खंडवा। आज बॉलीवुड के महान गायक किशोर कुमार का 92वां जन्मदिन है। गायकी के साथ किशोर कुमार एक संगीतकार, एक्टर, डायरेक्टर, प्रोड्यूसर भी थे। आज जन्मदिन पर किशोर दा को उनका हर प्रशंसक याद कर रहा है। कोरोना महामारी के चलते सीमित संख्या में किशोर प्रेमी उनकी समाधि पर दूध जलेबी का भोग लगाकर उनके गीत गाकर उन्हें याद कर रहे है। देखिए खंडवा से यह खास रिपोर्ट…

बंगाली परिवार में जन्मे थे किशोर

किशोर कुमार का जन्म 4 अगस्त 1929 को मध्यप्रदेश के खंडवा (Kishore Kumar Birthday Special) में रहने वाले बंगाली परिवार में हुआ था। किशोर अपने चार भाई-बहनों में सबसे छोटे थे। किशोर कुमार का असली नाम ‘आभास कुमार गांगुली’ था। खंडवा में शुरुआती पढ़ाई करने के बाद किशोर कुमार ने अपने कॉलेज की पढ़ाई इंदौर के क्रिश्चियन कॉलेज में की। किशोर कुमार ने कॉलेज की कई यादों को अपने गानों में सहेजा है। फिल्म ‘चलती का नाम गाड़ी’ का गीत ‘पांच रुपए बारह आना’ भी किशोर की कॉलेज की यादों से ही जुड़ा है। कॉलेज में किशोर पर कैंटीन वाले के 5 रुपए 12 आने उधार थे। किशोर कुमार ने अपने गाने में भी यही रकम शामिल की। किशोर कुमार के फिल्मी करियर की शुरुआत एक अभिनेता के रूप में वर्ष 1946 में फिल्म ‘शिकारी’ से हुई। किशोर कुमार की आवाज राजेश खन्ना पर बेहद जमती थी। राजेश खन्ना फिल्म निर्माताओं से किशोर से ही अपने लिए गीत गंवाने की गुजारिश किया करते थे।

आज भी दिलों में बसी है किशोर की आवाज
किशोर कुमार आज भले ही हमारे बीच नहीं रहे लेकिन उनकी मधुर आवाज देश के करोड़ों गीत प्रेमियों के दिलों पर राज करती है। आज भी उनके गाए हुए गीत लोगों के बीच काफी पॉपुलर हैं। किशोर कुमार ने भले ही सफलता की ऊंचाइयों को छू लिया था। मगर उनके दिल के अंदर हमेशा एक किशोर बसता था। किशोर कुमार ने अपनी शानदार कॉमिक टाइमिंग से 50-60 के दशक में सबको खूब हंसाया । किशोर कुमार 1970 से 1987 के बीच सबसे महंगे गायक थे।

किशोर कुमार ने अमिताभ बच्चन, राजेश खन्ना, जीतेन्द्र जैसे बड़े-बड़े दिग्गज कलाकारों के लिए आवाज दी। किशोर कुमार कई बार विवादों का भी शिकार हुए। सन् 1975 में देश में लगाये गये आपातकाल के दौरान दिल्ली में एक सांस्कृतिक आयोजन में उन्हें गाने का न्यौता मिला। किशोर कुमार ने पारिश्रमिक मांगा तो आकाशवाणी और दूरदर्शन पर उनके गायन को प्रतिबंधित कर दिया गया। आपातकाल हटने के बाद पांच जनवरी 1977 को उनका पहला गाना बजा दुखी मन मेरे सुन मेरा कहना जहां नहीं चैना वहां नहीं रहना। किशोर कुमार को अपनी जन्म भूमि से बेहद लगाब था। वह अपने दोस्तों को किशोर कुमार खंडवे वाले कुछ ऐसा ही परिचय देते थे अपने नाम का, किशोर कुमार खंडवे वाला।

लाला की दूध जलेबी पसंद थी…
किशोर कुमार को खण्डवा (Kishore Kumar Khandwa) में लालाजी के वह की दूध जलेबी बहुत पंसद थी। किशोर कुमार खण्डवा (MP Khandwa Kishore Kumar) आते तो अपने दोस्तों के साथ लालाजी की दूध जलेबी खाने जरूर जाते। यही नहीं वह अक्सर मुंबई में भी अपने दोस्तों से कहते हैं दूध जलेबी खाएंगे खंडवा में ही बस जाएंगे। बॉलीवुड में एक ऐसा दौर भी आया जब किशोर कुमार वहां की चकाचौंध से दूर अपने गृह नगर खंडवा में बस जाना चाहते थे। वर्ष 1987 में किशोर कुमार ने निर्णय लिया कि वह फिल्मों से संन्यास लेने के बाद वापस अपने गांव खंडवा लौट जायेंगे। लेकिन अब खंडवा में किशोर कुमार का वही पुश्तैनी मकान जिसमे में वह बस जाना चाहते थे, वह आज जर्जर हालत में है। घर के अंदर रखा सामान मानों आज भी किशोर दा प्रतीक्षा कर रहा है।

खंडवा में पिछले 40 सालों से उनके घर की देखभाल करने वाले चौकीदार सीताराम का कहना है की 1987 में किशोर कुमार आखिरी बार खंडवा आये थे और उन्होंने उनसे अपने घर की साफ़ सफाई अच्छी तरह से करने को कहा था। ताकि इस बार मुंबई में नही खंडवा में दीपावली मनाई जा सके। लेकिन होनी को कुछ और ही मंजूर था।13 अक्तूबर1987 को किशोर कुमार का देहांत हो गया। आज किशोर कुमार के जन्मदिन पर किशोर कुमार को चाहने वाले और संगीत प्रेमी उनका जन्मदिन बड़ी धूमधाम से मना रहे हैं। साथ ही किशोर कुमार की गृह नगरी खंडवा में हर किशोर प्रेमियों की एक ही मांग है कि किशोर कुमार को भारत रत्न से नवाजा जाए। गायकी के क्षेत्र में किशोर कुमार ने पूरी दुनिया में देश का नाम रोशन किया, ऐसे कलाकार को भारत रत्न से नवाजा जाए।

Share This

Login

Welcome! Login in to your account

Remember me Lost your password?

Lost Password