Scindia के करीबी को कमान देने ताक पर BJP के संविधान का नियम, जानें कैसे किया अनदेखा ?
लंबे इंतजार के बाद बीजेपी ने जिला अध्यक्षों के नामों का ऐलान करना शुरु कर दिया है। रविवार रात को दो जिलाध्यक्ष घोषित करने के बाद पार्टी ने सोमवार रात 18 नामों का ऐलान भी कर दिया। इन 18 नामों में सबसे ज्यादा चर्चा शिवपुरी से जिलाध्यक्ष बनाए गए जसमंत जाटव को लेकर हो रही है। दरअसल यहां बीजेपी ने सिंधिया के करीबी और पूर्व कांग्रेस विधायक जसमंत जाटव को कमान सौंपी है। दरअसल बीजेपी का संविधान है कि, वही कार्यकर्ता या नेता जिला अध्यक्ष बन सकता है, जिसे पार्टी जॉइन किए 6 साल से ज्यादा का वक्त हो चुका हो। उधर जसमंत जाटव ने साल 2020 में सिंधिया और बाकी समर्थकों के साथ कांग्रेस छोड़ी थी। इसके बाद बीजेपी ने उन्हें 2020 उपचुनाव में अपना प्रत्याशी बनाया। हालांकि वो ये उपचुनाव हार गए। फिलहाल जसमंत जाटव को बीजेपी में शामिल हुए सिर्फ 4 साल ही हुए हैं। लेकिन फिर भी पार्टी ने नियमों का उल्लंघन कर जाटव को शिवपुरी की कमान सौंप दी। सियासी गलियारों की मानें तो सिंधिया की पसंद के चलते जाटव की नियुक्ति हुई है। 2023 का विधानसभा चुनाव लड़ने की चाह रखने वाले जाटव को पार्टी ने उस वक्त टिकट नहीं दिया था। अंदरखानों की मानें तो बचे हुए 42 जिलों के अध्यक्षों का ऐलान आज हो सकता है। आपको बता दें कि वर्तमान में बीजेपी के 62 संगठनात्मक जिले हैं। इस बार सागर ग्रामीण और धार ग्रामीण दो नए जिलों में भी जिला अध्यक्ष नियुक्त किए जाएंगे। इनमें से कई जिलों के अध्यक्ष रिपीट भी किए जा सकते हैं। सोमवार रात जारी 18 जिलों के जिला अध्यक्षों में 9 जिलों में अध्यक्ष रिपीट किए गए हैं।