Artificial Sweetners: पिछले कुछ दशकों से खराब डाइट पैटर्न में लगातार तेजी हो रही है. जिसमें मोटापा, डायबिटीज और अन्य बीमारियां शामिल हैं. जिसमें से भी कई लोगों का मानना है कि अगर आप शुगर फ्री चीज़ें खाते हैं तो इससे आपका वजन और डायबिटीज कंट्रोल में रहती है.
लेकिन हाल ही में हुई स्टडी के मुताबिक हमारे खाने में मुख्य रूप से सिंपल कार्बोहाइड्रेट्स यानि शुगर शामिल होता है. जिससे हमारे शरीर में हार्मोनल रिएक्शंस में परिवर्तन होता है जिससे वजन बढ़ता है और फैट का स्टोरेज बढ़ता है।
शक्कर में मिनरल्स, विटामिन्स और फाइबर जो भूख से जुड़ी समस्या को देखते हुए रिसर्चस ने शुगर फ्री चीजों का सेवन कम करने को कहा है.
आर्टिफिशियल स्वीटनर्स का होता है उपयोग
आजकल लोग शक्कर की जगह आर्टिफिशियल स्वीटनर्स बहुत ज्यादा फेमस हो रहीं हैं. जिसमें भी सबसे ज्यादा आर्टिफिशियल स्वीटनर्स का उपयोग मोटापा, डायबिटीज और मेटाबॉलिक सिंड्रोम जैसी बीमारियों के लिए उपयोग होता है.
इस आर्टिफिशियल स्वीटनर्स को और भी नामों से जाना जाता है जैसे नॉन-न्यूट्रिटिव स्वीटनर्स (NNS), कम कैलोरीज स्वीटनेस, इंस्टेंट स्वीटनेस. यह आर्टिफिशियल स्वीटनर्स न केवल खाने में बल्कि कोल्ड ड्रिंक्स, दवाई और माउथवॉश जैसी चीज़ों में भी इस्तेमाल होती है.
आर्टिफिशियल स्वीटनर्स से नुकसान तो नहीं
आर्टिफिशियल स्वीटनर्स, जैसे कि सुक्रालोज, एसपार्टेम, नेस्टा, और सिक्रालोज बिना शक्कर के मिठास लाने के लिए उपयोग किए जाते हैं, लेकिन ये शरीर के अंदर मीठे के ट्रीटमेंट के प्रति इंटरनल रेस्पोंसे को कम करते हैं। जिससे आपकी खाने की भूख कम होती है.
विशेषज्ञों के अनुसार, जब हम आर्टिफिशियल स्वीटनर्स का सेवन करते हैं, तो यह हमारे मन को मिठास का अहसास कराता है, लेकिन यह शरीर को कोई कैलोरीज नहीं प्रदान करता। इस दौरान भोजन की इनिशियल सेंसिटिविटी कम होती है, जिससे हमें अधिक भोजन की जरूरत नहीं होती है.
इसके अलावा ,कुछ रिसर्च से पता चला है कि नकली चीनी खाने से आपके इंसुलिन के स्तर को स्थिर रखने में मदद मिल सकती है, जिससे आपको कम भूख लग सकती है.
कितने प्रकार के होते हैं आर्टिफिशियल स्वीटनर्स
आपके मार्केट में अलग-अलग प्रकार के आर्टिफिशियल स्वीटनर्स देखने को मिलेंगे. जिसमें सैकरीन (Saccharin), एस्पार्टेम (Aspartame), सुक्रालोज (Sucralose), असेसल्फेम के (Acesulfame K), स्टीविया (Stevia), साइक्लामेट (Cyclamate) शामिल हैं.
आर्टिफिशियल स्वीटनर्स हो सकता है हानिकारक
हाल ही में American Diabetes Association (ADA) विशेषज्ञ इस बात से सहमत हैं कि हालांकि आर्टिफिशियल मिठास कुछ सिनारियोस में मदद कर सकती है, लेकिन वे हानिकारक भी हो सकते हैं. ये आर्टिफीशियल ज्यादा इस्तेमाल करने से आपको हार्ट डिसीस, स्ट्रोक, कैंसर, अस्थमा, डिप्रेशन, एलर्जी जैसी कई स्वास्थ समस्या हो सकती है.
इस रिसर्च में ये सामने आया है कि आर्टिफीशियल स्वीटनर खून में ग्लूकोज की मात्र बढ़ाता है. इससे टाइप 2 डायबिटीज का रिस्क बढ़ता है.
क्या होती है टाइप 2 डायबिटीज
टाइप 2 डायबिटीज एक पुरानी स्वास्थ्य स्थिति है जिसमें शरीर प्रभावी रूप से इंसुलिन का उपयोग नहीं कर पाता है। इंसुलिन एक हार्मोन है जो रक्त में शुगर (ग्लूकोज) के स्तर को नियंत्रित करता है। जब इंसुलिन का प्रभाव कम हो जाता है या शरीर पर्याप्त इंसुलिन नहीं बना पाता, तो रक्त में शुगर का स्तर बढ़ जाता है।