नई दिल्ली। भारतीय रेल एशिया का दूसरा सबसे बड़ा रेल नेटवर्क है। देश में लगभग 8000 से ज्यादा रेलवे स्टेशन हैं। सभी स्टेशन के नाम हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि देश में एक ऐसा भी रेलवे स्टेशन है, जिसका कोई नाम नहीं है। ज्यादातर लोग इस तथ्य को नहीं जानते होंगे। तो चलिए आज हम आपको इस रेलवे स्टेशन की कहानी बताते हैं।
नाम के अभाव में चर्चाओं में बना रहता है यह स्टेशन
दरअसल, देशभर में कई ऐसे रेलवे स्टेशन हैं जो अपने नाम से ही काफी मशहूर है, इसके साथ ही कई ऐसे रेलवे स्टेशन भी हैं जो किसी न किसी वजह से हमेशा चर्चा में रहते हैं। लेकिन एक रेलवे स्टेशन ऐसा भी है जो अपने नाम के अभाव में चर्चाओं में बना रहता है। इस स्टेशन की अपनी कोई पहचान नहीं है।
दो गांवों के बीच में पड़ता है स्टेशन
लोग इसे बेनाम रेलवे स्टेशन के नाम से भी जानते हैं। पश्चिम बंगाल के आद्रा रेलवे डिवीजन में पड़ने वाला यह स्टेशन दो गांवों रैना और रैनागढ़ के बीच में पड़ता है। शुरूआत में लोग इसे रैनागढ़ रेलवे स्टेशन के नाम से जानते थे। लेकिन रैना गांव के लोगों ने इसका विरोध किया और वे अपने गांव के नाम पर इस स्टेशन का नामकरण करने की मांग करने लगे।
टिकट पुराने स्टेशन
स्टेशन के नामकरण को लेकर दोनों गांवों में झगड़ा शुरू हो गया। मामला इतना बढ़ गया कि रेलवे बोर्ड तक पहुंच गया। रेलवे ने झगड़ा सुलझाने के लिए स्टेशन से साइनबोर्ड को ही हटा दिया। नाम न होने के कारण यात्रियों को दूसरे लोगों से इसके बारे में पूछना पड़ता है। स्टेशन का अपना कोई नाम नहीं होने के वजह से यात्रियों को बहुत परेशानी होती है। हालांकि रेलवे अभी भी स्टेशन के लिए टिकट इसके पुराने नाम रैनागढ़ से ही जारी करती है।