Surya Grahan 2024: कल यानी 8 अप्रैल को सूर्य ग्रहण लगने वाला है. इस सूर्यग्रहण को लेकर अमेरिका जैसे बड़े देशों में जमकर तैयारियां चल रहीं हैं. जानकारी के मुताबिक अमेरिका में इस सूर्यग्रहण को देखने के लिए लगभग 50 लाख लोगों के पहुंचने की संभावना है.
आपको बता दें यह सूर्यग्रहण पूर्णरूप से अमेरिका के ‘पाथ ऑफ टोटैलिटी’ से दिखने वाला है. 8 अप्रैल को होने वाला सूर्य ग्रहण लगभग 4 घंटे 25 मिनट तक चलेगा. भारत में इस सूर्यग्रहण को लेकर काफी चर्चा हो रही है.
क्योंकि यह सूर्यग्रहण हिन्दू नववर्ष और चैत्र की नवरात्री की शुरुआत हो रही है.
सूर्यग्रहण के लिए विशेष इंतजाम
8 अप्रैल को होने वाले इस सूर्य ग्रहण को देखने से लिए सरकार की ओर से कई इंतजाम किए गए हैं. सूर्यग्रहण देखने के लिए विमानन कंपनियों को अलग रूट से प्लेन ले जानें के निर्देश दिए गए हैं.इसके अलावा अमेरिका के ‘पाथ ऑफ टोटैलिटी’ के आस पास की होटलों में जमकर बुकिंग हो रही है.
जिसका कारण है कि इस सूर्यग्रहण के बाद अमेरिका में अगला सूर्यग्रहण 2045 दिखाई देगा. विशेषज्ञों का मानना है कि इस सूर्य ग्रहण का नजारा पिछली बार से तीन गुना ज्यादा लोगों को देखने को मिल सकता है.आखिरी बार सूर्यग्रहण 2017 को देखने को मिला था.
इसके अलावा कहना है कि नासा का कहना है कि मेक्सिको में लोग सुबह करीब 11:07 बजे सूर्य ग्रहण देख सकेंगे. भारत में ग्रहण 8 अप्रैल को रात 9:12 बजे शुरू होगा और 9 अप्रैल को सुबह 2:22 बजे समाप्त होगा.
भारत में नहीं दिखेगा सूर्यग्रहण
8 अप्रैल 2024 को सूर्यग्रहण एक बेहद बड़ी और रोमांचक घटना है. लेकिन भारत में लोग इसे नहीं देख पाएंगे. यह मुख्य रूप से उत्तरी अमेरिका, मैक्सिको, संयुक्त राज्य अमेरिका और कनाडा में दिखाई देगा। नासा का कहना है कि इस घटना के दौरान आसमान में रात जैसा अंधेरा हो जाएगा.
ग्रहण के दौरान कुछ लोगों को आश्चर्य होता है कि क्या वे पूजा-पाठ जैसे विशेष कार्य कर सकते हैं या नहीं. भारत में, चैत्र नवरात्रि उत्सव सूर्य ग्रहण के अगले दिन शुरू होगा. इसलिए नवरात्रि का व्रत रखने वाले लोगों को चिंता करने की ज़रूरत नहीं है.
यदि ग्रहण भारत में दिखाई नहीं देता है, तो उस दौरान किसी भी कार्य करने पर कोई प्रतिबंध नहीं होगा.
54 साल बाद दिखेगा सूर्यग्रहण
वास्तव में 54 साल के लंबे समय के बाद, पूर्ण सूर्य ग्रहण लग रहा है. आखिरी बार ऐसा 1970 में हुआ था. 8 अप्रैल को ग्रहण के दौरान सूर्य थोड़ी देर के लिए गायब हो जाएगा और पृथ्वी पर अचानक रात जैसा अंधेरा हो जाएगा.
8 अप्रैल को एक विशेष घटना होगी जिसे ग्रहण कहा जाएगा. यह रात 9:12 बजे शुरू होगा और अगले दिन दोपहर 2:22 बजे समाप्त होगा. रात 11:47 बजे ग्रहण अपने सबसे तीव्र रूप में होगा। यह एक प्रकार का ग्रहण है जिसे पूर्ण सूर्य ग्रहण कहा जाता है.
जिसका अर्थ है कि सूर्य 5 घंटे से अधिक समय तक चंद्रमा द्वारा पूरी तरह से ढका रहेगा। यह मीन और रेवती नामक नक्षत्र में घटित होगा. दुर्भाग्य से भारत में लोग इस ग्रहण को नहीं देख पाएंगे, इसलिए उन्हें इस दौरान किसी विशेष नियम का पालन नहीं करना होगा.
इन राशियों पर होगा असर
इस 08 अप्रैल को लगने वाले सूर्यग्रहण का 12 राशियों पर कैसा प्रभाव पड़ेगा.
मेष, वृश्चिक, कन्या, कुंभ और धनु राशि के लिए सूर्य ग्रहण अच्छा नहीं हो सकता है. इन राशियों को व्यापार और नौकरी, कार्यक्षेत्रों में परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है.
वृषभ, मिथुन, कर्क और सिंह राशि के लिए यह ग्रहण शुभ साबित हो सकता है.
सूर्यग्रहण से होने वाले वैज्ञानिक बदलाव
सूर्यग्रहण से जानवरों का व्यवहार बदलेगा
पूर्ण सूर्य ग्रहण के दौरान, जब सूर्य चंद्रमा से ढक जाता है, तो थोड़ी देर के लिए बहुत अंधेरा हो जाता है। इससे झींगुर और उल्लू जैसे जानवर भ्रमित हो जाते हैं और वे अजीब आवाजें निकालना शुरू कर देते हैं क्योंकि उन्हें लगता है कि यह रात का समय है। नासा के वैज्ञानिक यह अध्ययन करना चाहते हैं कि इसका जानवरों और पर्यावरण, विशेषकर झींगुरों पर क्या प्रभाव पड़ता है।
तापमान में गिरावट
जब सूर्यग्रहण लगता है तो वास्तव में बहुत तेजी से ठंडक बढ़ती है। कुछ जगाहों पर 20 डिग्री से अधिक ठंडा बहुत अधिक ठंडे हो सकता हैं.
सर्कैडियन रिदम
जब अचानक से सूर्यग्रहण के कारण उजाला और अंधेरा होता है तो जानवरों और पौधों के सोने और जागने के पैटर्न को गड़बड़ा सकता है। लेकिन चिंता न करें, वे आमतौर पर सूरज वापस आने के बाद अपनी सामान्य दिनचर्या में वापस आ जाते हैं।