Hemant Soren: झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को सुप्रीम कोर्ट से बड़ा झटका लगा है। सोरेन के जमीन घोटाले मामले में अब 22 मई को सुनवाई होगी।
घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में गिरफ्तारी और अंतरिम जमानत देने की मांग वाली झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की याचिका पर कोर्ट में बुधवार को सुनवाई की गई।
इस दौरान कोर्ट में हेमंत की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने दलील रखी। उन्होंने अपनी दलील में कहा कि निचली अदालत और हाईकोर्ट में जो आधार रखे थे, वो सुप्रीम कोर्ट में कैसे बदल गए।
वहीं, अदालत ने उनकी दलीलों के बाद मामले पर अहम टिप्पणी की और कहा कि जांच एजेंसी ED के पास मेरिट पर अच्छा केस है।
याचिका में क्या रहीं दलीलें?
हेमंत सोरेन की ओर से कोर्ट में पक्ष रख रहे वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने चुनाव का हवाला देते हुए सुनवाई टालने पर विरोध जताया।
इस दौरान कपिल सिब्बल ने दलील दी कि यह 8.86 एकड़ जमीन का मामला है।
इस मामले से सोरेन का कोई संबंध नहीं है। क्योंकि, 1979 में इन जमीनों का रिकॉर्ड अलग-अलग लोगों को ट्रांसफर दिखाता है। सिब्बल ने आगे कहा कि उस वक्त सोरेन सिर्फ 4 साल के थे।
हालांकि, कपिल सिब्बल द्वारा सुनवाई टालने का विरोध जताने वाली बात पर कोर्ट ने इनकार कर दिया।
ईडी ने जताई आपत्ति
वहीं, सोरेन को चुनाव प्रचार के लिए अंतरिम जमानत दी जाने वाली मांग पर ईडी ने विरोध जताया। इस दौरान ईडी ने कहा कि अगर सोरेन को जमानत दी जाती है, तो जेल में बंद सभी नेता जमानत की मांग करने लगेंगे।
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