MP Sriramchandra Pathgaman Trust: मध्य प्रदेश में श्रीराम वनवास के समय जिन जगहों और रास्तों से गुजरे वहां सरकार विकास कराएगी। श्रीराम वनगमन पथ को लेकर चर्चा तो 20 सालों से चल रही है, लेकिन श्रीराम वनगमन पथ के विकास का खाका आज चित्रकूट में खिंचेगा।
इसकी कार्य योजना से जुड़े सभी विषयों पर चर्चा कर उसे गति देने के लिए गठित श्रीरामचंद्र पथगमन न्यास (MP Sriramchandra Pathgaman Trust) की पहली बैठक चित्रकूट में आज मंगलवार को मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव (CM Mohan Yadav) की अध्यक्षता में होगी।
इसमें संस्कृति, पर्यटन, धार्मिक न्यास और धर्मस्व राज्यमंत्री धर्मेंन्द्र सिंह लोधी, मुख्य सचिव वीरा राणा सहित संबंधित विभाग और जिलों के अधिकारी मौजूद रहेंगे।
शिवराज सरकार में गठित हुआ न्यास
श्रीराम वनगमन पथ के विकास के लिए श्रीरामचंद्र पथगमन न्यास (MP Sriramchandra Pathgaman Trust) का गठन शिवराज सरकार (Ex CM Shivraj Singh Chauhan) में 4 मई 2023 को हुआ।
हालांकि उसके बाद श्रीरामचंद्र पथगमन न्यास की कोई बैठक नहीं हो सकी। न्यास (MP Sriramchandra Pathgaman Trust) की पहली बैठक आज चित्रकूट में हो रही है।
सीएम मोहन अब पथ को देंगे गति
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव (CM Mohan Yadav) अब मध्य प्रदेश में श्रीराम वनगमन पथ को विकसित करने की दिशा में तेजी से काम करेंगे। यही कारण है कि वह आज चित्रकूट में न्यास (MP Sriramchandra Pathgaman Trust) की पहली बैठक ले रहे हैं।
इसमें केंद्र सरकार की तरफ से प्रदेश में चिह्नित श्रीराम वनगमन पथ के 23 स्थलों का विकास करने की कार्ययोजना तय होगी।
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क्या है श्रीराम वनगमन पथ
मध्य प्रदेश में राम वन गमन पथ चित्रकूट से अमरकंटक तक 370 किलोमीटर है। यहां भगवान राम वनवास के दौरान 11 साल 11 महीने और 11 दिन का समय गुजारा। वज जिस रास्ते से गुजरे उसे श्रीराम वनगमन पथ कहा जाता है।
क्या है श्रीरामचंद्र पथगमन न्यास
श्रीरामचंद्र पथगमन न्यास (MP Sriramchandra Pathgaman Trust) के अध्यक्ष मुख्यमंत्री है। न्यास में 33 सदस्य है, जिसमें 28 पदेन न्यासी सदस्य है। अशासकीय न्यासियों का अधिकतम कार्यकाल तीन वर्ष का होगा।
न्यास (MP Sriramchandra Pathgaman Trust) का काम वनवास के समय श्री राम के प्रदेश से गुजरी जगहों का सांस्कृतिक, आध्यात्मिक विकास करना है। केंद्र सरकार ने प्रदेश में 23 ऐसे स्थल को चिन्हित किया है। न्यास में और 5 अशासकीय न्यासी सदस्य नामांकित किए जाएंगे, जो भगवान श्रीराम के शोध और अध्ययन कार्य से जुड़ेंगे।
न्यास का संचालन संस्कृति विभाग के जिम्मे
न्यास (MP Sriramchandra Pathgaman Trust) के संचालन के लिए समय-समय पर विशेषज्ञ समितियों का गठन भी किया जाएगा।
न्यास की संस्थागत व्यवस्था के लिए संस्कृति विभाग सक्षम होगा। न्यास के सुचारू संचालन के लिए परियोजना प्रबंधन इकाई गठित की जाएगी। इकाई में अधिकारियों एवं कर्मचारियों के लिए सात पद होंगे।
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न्यास के यह हैं प्रमुख काम
न्यास (MP Sriramchandra Pathgaman Trust) का काम केंद्र सरकार की तरफ से प्रदेश में चिह्नित श्री रामवन गमन पथ के 23 स्थलों का विकास करना रहेगा।
उनके जोड़ने वाले रास्ते को सुगम और सुविधाजनक बनाना। वहां पर पर्यटन की गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए यात्री सुविधाओं का विकास करना और उनका संचालन करना।
प्रदेश में यह स्थल चिह्नित
प्रदेश में सतना, पन्ना, कटनी, जबलपुर, नर्मदापुरम, उमरिया, शहडोल और अनूपपुर जिले के स्थलों को चिह्नित किया गया है।
इसमें स्फटिक शिला, गुप्त गोदावरी, अत्रि आश्रम, शरभंग आश्रम, अश्वमुनि आश्रम, सुतीक्ष्ण आश्रम, सिद्धा पहाड़, सीता रसोई, रामसेल, राम जानकी मंदिर, बृहस्पति कुंड, अग्निजिह्ना आश्रम, अगस्त्य आश्रम, शिव मंदिर, रामघाट, श्रीराम मंदिर, मार्कंडेय आश्रम, दशरथ घाट, सीता मढ़ी शामिल है।
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