नई दिल्ली। कोरोना महामारी के बीच देश में एक और वायरस ने दस्तक दी है। लोग पहले से ही कोरोना वायरस (Coronavirus) से परेशान थे। वहीं अब केरल में जीका वायरस (Zika Virus) के 13 केस पाए गए हैं। तिरुवनंतपुरम से लिए गए सैंपल्स को जांच के लिए नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी पुणे भेजा गया था, जहां जांच में इनकी पुष्टि हुई है। जीका वायरस के मामले सामने आने के बाद लोगों की मन में चिंताएं बढ़ गई हैं। आइए जानते हैं इस वायरस के बारे में।
क्या है जीका वायरस?
जीका मच्छर से होने वाला एक वायरस है, जो एडीज एजिप्टी नामक मच्छर की एक संक्रमित एडीज प्रजाति के काटने से फैलता है, WHO के अनुसार, एडीज मच्छर आमतौर पर दिन में काटते हैं। ये सुबह-सुबह, दोपहर या फिर शाम को पीक पर होते हैं। बतादें कि ये वही मच्छर हैं, जो जेंगू, चिकनगुनिया फैलाते हैं। हालांकि इस वायरस को लेकर अच्छी बात ये है कि इससे ज्यादातर लोगों को खतरा नहीं है, लेकिन प्रेग्नेंट महिलाओं के लिए और खासतौर पर भ्रूण के लिए यह बहुत ही खतरनाक हो सकता है।
कैसे फैलता है वायरस
दरअसल, जीका वायरस प्रेग्नेंट महिला से उसेक भ्रूण में आसानी से पहुंच जाता है। जीका वायरस, सेक्सुअल कॉन्टैक्ट, ब्लड ट्रांसफ्यूश्न और ब्लड प्रोडक्ट्स या अंग प्रत्यारोपण के जरिए भी फैल सकता। वैज्ञानिक अभी भी प्रेग्नेंसी के रिजल्ट और बच्चों एवं अडल्ट्स में जीका वायरस के प्रभावों की पूरी सीरीज पर रसर्च कर रहे हैं।
इसकी पहचान आखिर कब हुई?
इस वायरस की पहली बार साल 1947 में युगांडा में बंदरों में पहचान की गई थी और बाद में 1952 में युगांडा और तंजानिया में इंसानों में पाया गया, तब से अफ्रीका, अमेरिका, एशिया में वायरस का प्रकोप देखा गया है, जबकि इंसान में संक्रमण के दुर्लभ मामले अफ्रीका और एशिया में पाए गए, जीका वायरस का पहला आउटब्रेक साल 2007 में याप द्वीप पर हुआ था, इसके बाद, 2013 में फ्रेंच पोलिनेशिया में बड़े पैमाने पर मामले दर्ज किए गए. फिर 2015 में ब्राजील में काफी मामले सामने आए. बाद में ही अमेरिका, अफ्रीका और दुनिया के अन्य देशों में भी मामले देखे गए, डब्ल्यूएचओ के अनुसार, अब तक 86 देशों में मच्छरों से फैलने वाले जीका वायरस के मामलों की पुष्टि हो चुकी है