हाइलाइट्स
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कठुआ में सेना के वाहन पर आतंकी हमला
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हमले में 5 जवान शहीद, 5 घायल
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2 महीने में दूसरा अटैक
Terrorist Attack: जम्मू-कश्मीर के कठुआ में आतंकियों ने सेना के वाहन पर हमला कर दिया। 5 जवान शहीद हो गए। वहीं 5 जवान घायल हुए हैं। बड़नोटा गांव में आतंकियों ने सेना के वाहन पर हमला किया। सर्चिंग के दौरान आतंकियों ने जवानों पर गोलियां चलाईं। आतंकी और सुरक्षाबलों के बीच मुठभेड़ हुई। इलाके में और सुरक्षाबल भेजा गया था।
दो महीने में दूसरा आतंकी हमला
सेना पर दो महीने में ये दूसरा आतंकी हमला है। इससे पहले 4 मई को पुंछ के शाहसितार इलाके में एयरफोर्स के काफिले पर हमला हुआ था। इसमें कॉर्पोरल विक्की पहाड़े शहीद हुए थे और 5 जवान घायल हुए थे। आतंकियों ने सुरक्षाबलों के दो वाहनों पर फायरिंग की थी। दोनों गाड़ियां सनाई टॉप जा रही थीं।
दो दिन में दूसरा अटैक
पिछले 2 दिनों में सेना पर ये दूसरा आतंकी हमला है। इससे पहले 7 जुलाई को राजौरी के मंजाकोट में एक आर्मी कैंप पर हमला हुआ था। इसमें एक जवान घायल हुआ था। सेना की जवाबी कार्रवाई के बाद आतंकी जंगल में भाग गए थे। सेना और पुलिस ने सर्च ऑपरेशन चलाया।
पहले भी सेना के वाहनों को निशाना बना चुके हैं आतंकी
पुंछ
इसी साल 12 जनवरी को आतंकियों ने सेना के वाहन पर हमला किया था। जवानों ने आतंकियों को मुंहतोड़ जवाब दिया। इस एनकाउंटर में कोई जवान घायल नहीं हुआ।
सुरनकोट
पिछले साल 21 दिसंबर को आतंकियों ने सेना के काफिले पर हमला किया था। इसमें 5 जवान शहीद हुए थे। इस वारदात को 4 आतंकियों ने अंजाम दिया था। आतंकियों ने अमेरिकी M-4 कार्बाइन असॉल्ट राइफल से स्टील बुलेट फायरिंग की थी। ये स्टील बुलेट सेना वाहनों की मोटी लोहे की चादर को पार करके जवानों को लगी थीं।
PAFF ने ली थी हमले की जिम्मेदारी
सुरनकोट हमले की जिम्मेदारी पीपुल्स एंटी फासिस्ट फ्रंट (PAFF) ने ली थी। आतंकियों ने सोशल मीडिया पर हमले वाली जगह की तस्वीरें जारी की थीं। इसमें अमेरिकी M-4 कार्बाइन असॉल्ट राइफल से हमले का दावा किया था।
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6 और 7 जुलाई को कुलगाम में हुई थी मुठभेड़
कुलगाम में 6-7 जुलाई को मुदरघम और चिन्निगम फ्रिसल में सुरक्षाबलों और आतंकियों के बीच मुठभेड़ हुई थी। सुरक्षाबलों ने 6 आतंकियों को ढेर कर दिया था। इस एनकाउंटर में 2 जवान भी शहीद हुए थे। सेना के अधिकारियों के मुताबिक मारे गए आतंकी हिज्बुल मुजाहिदीन से जुड़े थे। इनमें एक पाकिस्तान के आतंकवादी संगठन का स्थानीय कमांडर भी शामिल था।