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भोपाल। कोरोना महामारी के कारण एक साल से बंद पड़े स्कूलों के कारण छात्रों की पढ़ाई बाधित हो रही है। ग्रामीण इलाकों के छात्रों को शिक्षा नहीं मिल पाने की समस्या का समाधान किया गया है। अब ग्रामीण छात्रों की पढ़ाई बाधित न हो इसलिए विलेज एजुकेशन रजिस्टर तैयार किया जा रहा है। इसके तहत शिक्षक छात्रों को घर जाकर पढ़ाई करा रहे हैं। इसके साथ ही शिक्षक बच्चों के मेंटोर बनकर उनका दाखिला स्कूलों में करा रहे हैं। जिला शिक्षा अधिकारी नितिन सक्सेना ने मीडिया को बताया कि शिक्षक छात्रों को घर जाकर पढ़ाई कराएंगे।
इसी के साथ छात्रों का दाखिला भी स्कूलों में कराया जाएगा। एडमिशन के बाद छात्रों को पाठ्य सामग्री भी उपलब्ध कराई जाएगी। शिक्षा अधिकारी सक्सेना के मुताबिक शिक्षक रोजाना कक्षा 1 से 8वीं तक के बच्चों की क्लासेस ले रहे हैं। पांच-पांच बच्चों की क्लासेस ली जा रही हैं। वहीं एडमिशन का सिलसिला भी 30 जून तक जारी रहेगा। बता दें कि कोरोना महामारी के चलते यह शिक्षण सत्र देरी से शुरू हो पा रहा है।
अप्रैल से शुरू होती थी परीक्षा
सामान्य स्थिति में अप्रैल से यह सत्र शुरू हो जाता है। इस बार कोरोना की दूसरी लहर के कहर के बाद यह सत्र 15 जून से शुरू हो पाया है। नए शैक्षणिक सत्र के लिए 9 से लेकर 12वीं कक्षा तक के एडमिशन भी जारी हैं। वहीं कक्षा 1 से 8वीं तक के बच्चों की कक्षाओं और एडमिशन के लिए शिक्षकों को घर-घर ड्यूटी लगाई गई है। बता दें कि कोरोना महामारी की दूसरी लहर के बाद बोर्ड परीक्षाएं भी रद्द कर दी गई हैं।
अब छात्रों का रिजल्ट भी तैयार होने लगा है। इसको लेकर शिक्षा विभाग जुटा हुआ है। जल्द ही छात्रों की रिजल्ट भी घोषित हो जाएगा। वहीं एडमिशन की प्रक्रिया भी शुरू हो चुकी है। कोरोना की लहर भी अब थमती दिख रही है। बाजारों को भी पूरी तरह खोलने की छूट दी जा रही है। राजधानी को भी पूरे 6 दिनों के लिए अनलॉक कर दिया गया है। साथ ही लगभग सभी जिलों में अनलॉक की प्रक्रिया तेज कर दी है।