Tauktae Cyclone : ‘ताऊते’ यानी शोर मचाने वाली छिपकली, जानिए कैसे रखे जाते हैं तूफानों के नाम?

नई दिल्ली। गुजरात की तरफ बढ़ रहा चक्रवाती तूफान ताउते आज खतरनाक रूप धारण कर सकता है। इसको लेकर IMD ने 5 राज्यों को अलर्ट जारी किया है। इन पांच राज्यों में केरल, कर्नाटक, तमिलनाडु, गुजरात और महाराष्ट्र है। तूफान से होने वाले नुकसान को कम करने के लिए NDRF की 53 टीमों को तैनात किया गया है। साइक्लोन जब भी आते हैं, तबाही मचाते हैं। लेकिन सबसे बड़ा सवाल आखिर ये आते ही क्यों हैं और इसका नाम कैसे तय किया जाता है।
तूफान कैसे बनता है?
मौसम विज्ञानी साइक्लोन को लेकर कहते हैं कि जब गर्म क्षेत्रों के समुद्र में हवा गर्म होकर अत्यंत कम वायुदाब का क्षेत्र बना देती है, तो संघनन से बादलों का निर्माण करती हैं और फिर रिक्त स्थान को भरने के लिए नम हवाएं तेजी के साथ नीचे जाकर ऊपर आती। इसी को तूफान या साइक्लोन करते हैं। इसमें तेज हवाओं के साथ मूसलाधार बारिश होती है।
नामकरण की शुरुआत
साइक्लोन के नाम को लेकर भी लोग जानना चाहते हैं। क्योंकि इससे पहले जितने भी तूफान आएं हैं उनका नाम अजीबो-गरीब है। जैसे- अम्फान, कटरीना, निवार, निसर्ग, हुदहुद, फानी, बुलबुल, हिकाका आदि। मालूम हो कि चक्रवातों के नामकरण की शुरूआत अटलांटिक क्षेत्र में 1953 में हुई एक संधि से की गई थी। जबकि हिंद महासागर क्षेत्र में यह व्यवस्था साल 2004 से शुरू हुई। हिंद महासागर क्षेत्र में भारत की पहल पहल पर 8 देशों ने तूफानों का नामकरण शुरू किया। इन 8 देशों में पाकिस्तान, श्रीलंका, बांग्लादेश, मालदीव, म्यांमार, ओमान और शाईलैंड शामिल था। बाद में साल 2018 में इसमें यूएई, ईरान, कतर और यमन आदि देश भी जुड़ गए।
इस प्रकार से तूफान का नाम दिया जाता है
किसी भी साइक्लोन के नामकरण के लिए सदस्य देश अपनी ओर से नामों की सूची देते हैं। इसके बाद उनकी अल्फाबेटिकल लिस्टिंग की जाती है। उसी क्रम में सुझाए गए नाम पर तूफानी चक्रवातों का नामकरण किया जाता है। हर बार अलग-अलग देशों का क्रम से नंबर आता है और इसी क्रम में जिस देश ने जो नाम दिया चक्रवात का नाम उसी देश के द्वारा दिए गए नाम पर पड़ जाता है।
नए तूफान का नाम ‘ताउते’ किसने दिया?
हिंद महासागर क्षेत्र में जब भी तूफान आने की आशंका बनती है तो भारत समेत 13 सदस्य देश क्रमानुसार 13 नाम देते है। लेकिन जिस देश का क्रम से नंबर आता है उसी के दिए नाम पर तूफान का नाम रख दिया जाता है। ‘ताउते’ नाम इस बार म्यांमार की ओर से दिया गया है। जिसका अर्थ है- बहुत शोर मचाने वाली छिपकली। तूफान आने से पहले ही ये नाम इसलिए दे दिए जाते हैं, ताकि वैज्ञानिक और आम लोग स्पस्ट रह सकें। लोगों के मन में यह नाम पहले से स्थापित हो जाए और जब भी इसकी चर्चा हो तो लोग समझ जाएं कि ये तूफान है।
आने वाले तूफान का नाम भी तय
गौरतलब है कि इस व्यवस्था के तहत भविष्य में आनेवाले तूफानों के नाम पहले से ही तय कर लिए गए हैं। म्यांमार के बाद ओमान का नंबर आता है जिसने अगले तूफान का नाम ‘यास’ दिया है। इसके अगले तूफान का नाम पाकिस्तान ने दिया है ‘गुलाब’। पिछले साल अप्रैल में ही इन नामों की सूची स्वीकृत की गई है। मालूम हो कि आनेवाले 25 सालों के लिए सूची बनाई जाती है।