Taliban: तालिबान अपनी बेरहम सजाओं के लिए पहले से ही जाना जाता है। इसका असली रूप उस समय देखा गया था जब अफगानिस्तान में 90 के दशक में तालिबान का कब्जा हुआ करता था। लोगों को इतनी इतनी खौफनाक सजाएं दी जाती थीं, जिन्हें सोचकर भी इंसान की रूह कांप उठे जाती है। वहीं एक बार फिर अफगानिस्तान पर कब्जा करने के 1 साल के बाद तालिबान ने अपना पुराना खौफनाक चेहरा दिखाया है। हालिया घटना यह है कि हत्या के आरोप में एक व्यक्ति को सैकड़ों लोगों के सामने मौत के घाट उतार दिया गया।
तालिबान के प्रवक्ता जबीहुल्लाह मुजाहिद ने एक व्यक्ति के सार्वजनिक रूप से मारे जाने की पुष्टि की है। प्रवक्ता के मुताबिक, फांसी सुबह पश्चिमी फराह प्रांत के एक खेल स्टेडियम में दी गई। वीओ न्यूज के हवाले से ज़बीहुल्लाह मुजाहिद ने कहा, मारे गए व्यक्ति ने फराह निवासी को छुरा घोंपकर हत्या करने और मोटरसाइकिल सहित उसका सामान चुराने की बात कबूल की थी।
तालिबान के प्रवक्ता जबिउल्लाह मुजाहिद के अनुसार, यह सार्वजनिक सजा-ए-मौत भी शरिया कानून के तहत ही दी गई है। सजा-ए-मौत के समय तालिबान के शीर्ष नेता स्टेडियम में मौजूद थे। बता दें कि पिछले महीने ही काबुल और अफगानिस्तान के कई प्रांतों में एक फुटबॉल स्टेडियम में सैकड़ों दर्शकों के सामने तालिबान अधिकारियों द्वारा दर्जनों लोगों की पिटाई की गई थी।
दरअसल, 1990 में जब तालिबान ने पहली बार अफगानिस्तान में कब्जा किया था। उस वक्त भी तालिबानी अदालत अपराध के दोषी को सार्वजनिक रूप से मौत की सजा, कोड़े मारने और पत्थर मारने का आदेश देता था। हालांकि अगस्त 2021 में जब तालिबान ने दुबारा अफगानिस्तान पर कब्जा किया तो अंतर्राष्ट्रीय समुदाय से वादा किया था कि वो नागरिकों के प्रति उदार रहेगा और महिलाओं और अल्पसंख्यक अधिकारों की अनुमति देगा। लेकिन अपने वादे पर मुकरते हुए पहले ही तालिबान ने महिलाओं को सार्वजनिक स्थानों पर अपना चेहरा ढंकने का आदेश दिया है और उन्हें सार्वजनिक पार्कों, जिम और स्नानागार में जाने पर प्रतिबंध लगा दिया है।