श्रीनगर। Srinagar News Tajia: श्रीनगर में करीब तीन दशक से अधिक समय के अंतराल के बाद शिया समुदाय ने बृहस्पतिवार को गुरुबाजार से डलगेट मार्ग पर मुहर्रम जुलूस निकाला, जिसमें सैकड़ों लोगों ने भाग लिया। जम्मू-कश्मीर प्रशासन द्वारा अनुमति
दिए जाने के बाद समुदाय के सदस्यों ने जुलूस निकाला।
अधिकारियों ने व्यस्त लाल चौक क्षेत्र से गुजरने वाले मार्ग पर जुलूस के लिए सुबह छह बजे से आठ बजे तक दो घंटे का समय दिया था इसलिए लोग सुबह करीब साढ़े पांच बजे ही गुरुबाजार में एकत्र हुए। 90 के दशक में कश्मीर में
आतंकवाद फैलने के बाद मुहर्रम का जुलूस नहीं निकाला गया था।
सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम
कश्मीर के अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक विजय कुमार ने संवाददाताओं को बताया कि जुलूस के लिए पर्याप्त सुरक्षा व्यवस्था की गई थी। उन्होंने संवाददाताओं से कहा, ‘‘पिछले कुछ वर्षों से शिया समुदाय जुलूस की अनुमति की मांग रह
रहे थे। प्रशासन द्वारा निर्णय लेने के बाद हमने पर्याप्त सुरक्षा व्यवस्था की हुई थी।’’
तीस से अधिक वर्षों में यह पहली बार है कि इस मार्ग पर मुहर्रम के आठवें दिन के जुलूस को अनुमति दी गई है। कश्मीर के मंडलायुक्त वीके भिदुरी ने बुधवार को कहा था कि चूंकि जुलूस कार्यदिवस पर निकाला जा रहा है, ऐसे में इसके
लिए सुबह छह बजे से सुबह आठ बजे तक का समय तय किया गया है ताकि लोगों को असुविधा का सामना न करना पड़े।
उन्होंने कहा था, ‘‘हमारे शिया भाइयों की लंबे समय से मांग थी कि गुरुबाजार से डलगेट तक पारंपरिक जुलूस की अनुमति दी जाए। पिछले 32-33 वर्षों से इसकी अनुमति नहीं थी।’’ अधिकारी ने कहा था कि जुलूस की अनुमति देने का
प्रशासन का निर्णय एक ‘ऐतिहासिक कदम’ है।
औपचारिक अनुमति दी गई
दरअसल, जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने बुधवार को तीन दशक बाद मुहर्रम जुलूस की औपचारिक अनुमति दे दी। डिविजनल कमिश्नर विजय कुमार बिधूड़ी ने कहा कि सुबह छह बजे से आठ बजे तक दो घंटे के लिए जुलूस निकालने की
अनुमति थी। उन्होंने कहा कि मौजूदा स्थिति के सभी पहलुओं को ध्यान में रखते हुए यह फैसला लिया गया है। डिविजनल कमिश्नर विजय कुमार बिधूड़ी ने कश्मीरी जनता और शिया समुदाय को बधाई दी है। उन्होंने कहा कि यह वर्तमान
शांतिपूर्ण माहौल में उनके योगदान के कारण है, जिसने प्रशासन के लिए यह ऐतिहासिक निर्णय लेना सुविधाजनक बना दिया है।
कश्मीर में मुहर्रम जुलूस पर लगा था प्रतिबंध
बिधूड़ी ने कहा कि शिया समुदाय के प्रतिनिधियों और गुरुबाजार की स्थानीय समिति के साथ कई दौर की बातचीत के बाद यह फैसला लिया गया। जुलूस के दौरान सुरक्षा के पुख्ता प्रतिबंध किए गए। दरअसल, साल 1989 में जब कश्मीर में
उग्रवाद शुरू हुआ तो राज्य के तत्कालीन राज्यपाल जगमोहन ने कश्मीर में मुहर्रम जुलूस पर प्रतिबंध लगा दिया था।
जुलूस की अनुमति देने के प्रशासन के फैसले को अनुच्छेद 370 के निरस्त होने के बाद घाटी में शांति के लिए ऐतिहासिक उपलब्धि माना जा रहा है।
ये भी पढ़ें:
MP News: आई फ्लू को लेकर NHM ने जारी की एडवाइजरी, जानिए फ्लू से बचने के तरीके
Jawan First Song: करोड़ों में तैयार हुआ ‘जवान’ का पहला गाना ‘जिंदा बंदा’,जल्द होगा फैंस के लिए रिलीज
Srinagar News Tajia