Tabla Vadak Ustad Zakir Hussain Passed Away: विश्व विख्यात तबला वादक और पद्म विभूषण उस्ताद जाकिर हुसैन का निधन हो गया है। परिवार द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार जाकिर हुसैन ने आज सोमवार 16 दिसंबर को सुबह सैन फ्रांसिस्को के एक अस्पताल में अंतिम सांस ली है।
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उनका जन्म 9 मार्च 1951 को मुंबई में हुआ था। उस्ताद जाकिर हुसैन को 1988 में पद्मश्री, 2002 में पद्म भूषण और 2023 में पद्म विभूषण से नवाजा गया।
#ZakirHussain, one of the world’s most transcendent musicians, has passed away at the age of 73 – confirms Jon Bleicher of Prospect PR, representing the family. pic.twitter.com/Hkrm5xkrqK
— ANI (@ANI) December 16, 2024
जाकिर हुसैन के नजदीकी ने की ये पोस्ट
सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने पहले निधन की सूचना दी, फिर पोस्ट डिलीट किया
जाकिर हुसैन का जन्म 9 मार्च 1951 को मुंबई में हुआ था। उन्हें 1988 में पद्म श्री, 2002 में पद्म भूषण और 2023 में पद्म विभूषण से सम्मानित किया गया था। उस्ताद जाकिर हुसैन को चार ग्रैमी अवॉर्ड भी प्राप्त हुए हैं, जिनमें से तीन उन्हें एक साथ मिले थे। उनके पिता उस्ताद अल्लाह रक्खा कुरैशी भी प्रसिद्ध तबला वादक थे, और मां का नाम बीवी बेगम था।
जाकिर हुसैन की प्रारंभिक शिक्षा मुंबई के माहिम स्थित सेंट माइकल स्कूल से हुई थी, जबकि उन्होंने अपनी ग्रेजुएशन मुंबई के सेंट जेवियर्स कॉलेज से की थी। जाकिर ने केवल 11 साल की उम्र में अमेरिका में अपना पहला कॉन्सर्ट किया था और 1973 में अपना पहला एल्बम ‘लिविंग इन द मैटेरियल वर्ल्ड’ लॉन्च किया था।
जाकिर हुसैन को तीन ग्रैमी अवॉर्ड भी मिल चुके थे। उनके पिता का नाम उस्ताद अल्लाह रक्खा कुरैशी और मां का नाम बीवी बेगम था। जाकिर के पिता अल्लाह रक्खा भी तबला वादक थे। जाकिर हुसैन की प्रारंभिक शिक्षा मुंबई के माहिम स्थित सेंट माइकल स्कूल से हुई थी। इसके अलावा उन्होंने ग्रेजुएशन मुंबई के ही सेंट जेवियर्स कॉलेज से किया था।
जाकिर हुसैन ने सिर्फ 11 साल की उम्र में अमेरिका में पहला कॉन्सर्ट किया था। 1973 में उन्होंने अपना पहला एल्बम ‘लिविंग इन द मैटेरियल वर्ल्ड’ लॉन्च किया था।
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कब, कौन सा अवॉर्ड मिला
- 1988: पद्मश्री पुरस्कार
- 1990: संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार
- 1990: इंड-अमेरिकन अवॉर्ड
- 1992: प्लेनट ड्रम एल्बम के लिए बेस्ट वर्ल्ड म्यूजिक का ग्रैमी अवॉर्ड
- 2002: पद्म भूषण पुरस्कार
- 2006: मध्य प्रदेश सरकार की तरफ से कालिदास सम्मान
- 2009: ग्लोबल ड्रम प्रोजेक्ट के लिए कंटेंपरेरी वर्ल्ड म्यूजिक एल्बम का गैमी अवॉर्ड
- 2012: कोणार्क नाट्य मंडप की तरफ से गुरु गंगाधर प्रधान लाइफटाइम अचीवमेंट अवॉर्ड
- 2019: संगीत नाटक अकादमी की तरफ से अकादमी रत्न पुरस्कार
- 2022: मुंबई यूनिवर्सिटी की ओर से संगीत के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान के लिए डॉक्टर ऑफ लॉ की मानक उपाधि
- 2023: पद्म विभूषण पुरस्कार
- 2024 तीन अलग-अलग एल्बम के लिए तीन गामी अवार्ड मिले
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