भोपाल। T 3 Mission गर्भवती महिलाओं में हीमोग्लोबिन की कमी को लेकर जागरुक करने के उद्देश्य से चलाई जा रहे टी 3 (टेस्ट, ट्रीट एंड टॉक) अभियान में लोगों को जोड़ने का प्रयास किया जा रहा है। इसी के तहत एनएचएम की एमडी प्रियंका दास ने गर्भवती महिलाओं से खून की जांच कराने की अपील की है। उनका कहना है कि इस अभियान में महिलाओं को अधिक से अधिक भाग लेना चाहिए।
एमडी प्रियंका दास की अपील —
एनएचएम की एमडी प्रियंका दास ने इस योजना में अधिक से अधिक शामिल होने की अपील की है। उनका कहना है कि इस गर्भवास्था के दौरान मां के साथ—साथ गर्भस्थ शिशु में भी हीमोग्लोबिन की मात्रा सही होनी चाहिए। जो उसके पूर्ण स्वास्थ्य के लिए बेहद जरूरी है। इसलिए इस समय महिलाओं को भी जागरुकता दिखाते हुए बढ़—चढ़कर आगे आना चाहिए।
एनीमिया मुक्त भारत बनाने के उद्देश्य से चलाने जाने वाला ये एक पोषण जागरुकता कार्यक्रम है। जिसका उद्देश्य लोगों को हीमोग्लोबिन की जांच के प्रति जागरुकता करना है। ये स्वास्थ्य सेवा से जुड़े क्षेत्रों में, व्यक्तिगत प्रयास और सरकार की पहल लोगों को कुछ मददगार संकेत दे सकती है। एनीमिया मुक्त भारत एक ऐसा ही पोषण जागरुकता कार्यक्रम है जो स्वस्थ जीवन जीने के प्रति लोगों के व्यवहार में बदलाव लाता है।
क्या है टी 3 —
गर्भवती महिलाओं को एनीमिया के प्रति जागरुक करने के उद्देश्य से एमपी सरकार द्वारा एक अभियान शुरू किया गया है। जिसे टी3 नाम दिया गया है। एनीमिया यानि शरीर में खून की कमी की बीमारी होती है। गर्भवती महिलाओं के लिए ये समस्या और अधिक बढ़ जाती है। इसलिए खून की कमी के लिए इस दौरान ध्यान रखने की जरूरत है। इसमें गर्भवती महिला की टेस्टिंग सही से होना चाहिए। यदि महिला गर्भवती महिला टेस्टिंग में एनीमिया से ग्रसित पाई जाती है तो उसे उचित दवाई देने की व्यवस्था की जाती है।