Swine Flu Deaths in CG: छत्तीसगढ़ के कोरिया जिले में स्वाइन फ्लू के कारण 83 वर्षीय बुजुर्ग की मृत्यु हो गई। रायपुर में इलाज के दौरान उनकी हालत गंभीर हो गई, जिसके बाद उन्हें अंबिकापुर मेडिकल कॉलेज लाया गया, जहां उन्होंने अंतिम सांस ली। यह जिले में स्वाइन फ्लू से दूसरी और प्रदेश में सातवीं मौत है।
17 अगस्त को हुई थी स्वाइन फ्लू की पुष्टि
कोरिया जिले के ग्राम कटोरा निवासी 83 वर्षीय उमाशंकर सोनी को 16 अगस्त को स्वास्थ्य समस्याओं के कारण पटना सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र ले जाया गया था। वहां से उन्हें उच्च स्वास्थ्य केंद्र के लिए रेफर किया गया, जहां उन्हें रायपुर के एमएमआई नारायणा में भर्ती किया गया। जांच के बाद 17 अगस्त को उनमें एच1एन1 (स्वाइन फ्लू) की पुष्टि हुई थी।
डिस्चार्ज कराकर अंबिकापुर ले गए थे परिजन
83 वर्षीय उमाशंकर सोनी का इलाज रायपुर के एमएमआई नारायणा और वेंकटेश्वर सुपर स्पेशियलिटी हॉस्पिटल में किया गया था। गंभीर हालत के कारण उन्हें वेंटिलेटर पर रखा गया था। परिजनों ने 24 अगस्त को उन्हें डिस्चार्ज कराया और अंबिकापुर ले गए।
वहां रविवार सुबह उन्हें मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल के आइसोलेशन वार्ड में भर्ती किया गया, जहां सुबह 7 बजे के आसपास उन्होंने दम तोड़ दिया। मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल के प्रभारी डॉ. जेके रेलवानी ने इसकी पुष्टि की है।
अगस्त महीने में 7 लोगों की मौत
छत्तीसगढ़ में स्वाइन फ्लू का प्रकोप बढ़ता जा रहा है। अगस्त महीने में ही इस बीमारी से 6 लोगों की मौत हो चुकी है। पहली मौत 9 अगस्त को कोरिया जिले में एक महिला की हुई थी। पिछले एक हफ्ते में 29 नए मामले सामने आए हैं, जिनमें से 26 बिलासपुर जिले से हैं। यह आंकड़े स्वाइन फ्लू के बढ़ते प्रकोप को दर्शाते हैं।
पिछले 15 दिनों में इस बीमारी से 6 लोगों की मौत हो चुकी है। मृतकों में कोरिया जिले की 51 वर्षीय महिला, जांजगीर-चांपा जिले की 66 वर्षीय महिला, बिलासपुर जिले की एक महिला, राजनांदगांव की 4 वर्षीय बच्ची, मनेंद्रगढ़ के 41 वर्षीय व्यक्ति और राजनांदगांव के 37 वर्षीय युवक शामिल हैं। यह मौतें 9 अगस्त से 21 अगस्त के बीच हुई हैं।
स्वाइन फ्लू क्या है?
स्वाइन फ्लू एक प्रकार का संक्रामक रोग है, जो H1N1 वायरस के कारण होता है। यह वायरस सबसे पहले सुअरों में पाया गया था, लेकिन अब यह मानवों में भी फैलता है। स्वाइन फ्लू के लक्षणों में बुखार, खांसी, गले में खराश, ठंड लगना, कमजोरी और शरीर में दर्द शामिल हैं। कुछ मामलों में बच्चों को सांस की तकलीफ, निर्जलीकरण और चिड़चिड़ापन महसूस हो सकता है।
यह रोग अभी भी मौसमी फ्लू वायरस के रूप में फैलता है, और बच्चों, गर्भवती महिलाओं और बुजुर्गों को गंभीर संक्रमण का खतरा होता है। स्वाइन फ्लू एक अत्यधिक संक्रामक मानव श्वसन संक्रमण है, जिसके इलाज में आराम की सलाह दी जाती है। साथ ही, दर्द दूर करने वाली दवाइयां और तरल पदार्थ दिए जाते हैं।
स्वाइन फ्लू से बचाव के लिए स्वच्छता और सावधानी बरतना जरूरी है। हमें अपने हाथों को बार-बार धोना चाहिए, खांसते और छींकते समय मुंह को ढकना चाहिए, और संक्रमित लोगों से दूर रहना चाहिए।