Swiggy Zepto Vs Delhi HC: दिल्ली हाईकोर्ट ने एक याचिका पर सुनवाई करते हुए स्विगी और जेप्टो से जवाब मांगा है। इस याचिका में आरोप लगाया गया है कि इन दोनों कंपनियों के मोबाइल ऐप्स विकलांग, खासकर दृष्टिबाधित लोगों के लिए इस्तेमाल करना बहुत मुश्किल है।
गैर सरकारी संस्था ने दायर की याचिका
यह याचिका “मिशन एक्सेसिबिलिटी” नाम की एक गैर सरकारी संस्था ने दायर की है, जो दिव्यांग व्यक्तियों के अधिकारों के लिए काम करती है। याचिका में कहा गया है कि स्विगी और जेप्टो जैसे ऐप्स का इंटरफेस दृष्टिबाधित लोगों के लिए अनुकूल नहीं है, जिससे उन्हें खाना मंगवाने, ग्रोसरी खरीदने या रेस्त्रां बुक करने जैसी जरूरी सेवाओं का इस्तेमाल करने में दिक्कत आती है।
जस्टिस सचिन दत्ता ने इस मामले में केंद्र सरकार के इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी मंत्रालय, स्विगी और जेप्टो को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। अब इस मामले की अगली सुनवाई 28 मई को होगी।
स्विगी-जेप्टो ऐप्स RPwD के नियमों का नहीं कर रहे पालन
याचिका में कहा गया है कि दोनों ऐप्स RPwD (दिव्यांगजन अधिकार अधिनियम) की धारा 40 और 46 और इसके तहत बनाए गए नियमों का पालन नहीं कर रहे हैं। ऐप्स में कई खामियां गिनाई गई हैं, जैसे – सर्च ऑप्शन का ठीक से काम न करना, बटन और विकल्पों पर सही लेबल न होना, जरूरी जानकारी की कमी और ऐप में कुछ कामों के लिए कैमरा इस्तेमाल करने की जरूरत, जो दृष्टिबाधित लोगों के लिए मुश्किल पैदा करती हैं।
याचिका में मांग दोनों ऐप्स का एक्सेसिबिलिटी ऑडिट करवाया जाए
याचिका में मांग की गई है कि सरकार की ओर से मान्यता प्राप्त किसी एक्सपर्ट से दोनों ऐप्स का एक्सेसिबिलिटी ऑडिट करवाया जाए, जिससे पता चल सके कि किन-किन जगहों पर दिक्कतें हैं। साथ ही, दोनों कंपनियों को कहा जाए कि वो एक ठोस योजना बनाएं ताकि आगे चलकर उनके ऐप्स पूरी तरह से सुलभ बन सकें और सभी अपडेट्स व नई सुविधाएं दिव्यांगों के लिए भी यूजर फ्रेंडली हों।
इसके अलावा, ऐप डेवेलप करने वाले इंजीनियर्स, डिजाइनर्स और कस्टमर सपोर्ट स्टाफ को एक्सेसिबिलिटी के बारे में जागरूक करने और ट्रेनिंग देने की भी बात कही गई है।
याचिका में यह भी कहा गया है कि स्विगी और जेप्टो को नेत्रहीन ग्राहकों के लिए रिफंड और रिटर्न प्रक्रिया को आसान बनाना चाहिए और हर नई फीचर के डिज़ाइन में एक्सेसिबिलिटी को ध्यान में रखना चाहिए।
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