Svamitva Yojana: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ग्रामीण क्षेत्रों में ‘आर्थिक प्रगति’ लाने के लिए 2020 में ग्रामीण क्षेत्रों में नई तकनीक के साथ ग्राम सर्वेक्षण और मानचित्रण (या स्वामित्व) योजना शुरू की। इस (Svamitva Yojna) परियोजना का उद्देश्य ड्रोन का उपयोग करके भूमि का सर्वेक्षण करना और जीआईएस तकनीक का उपयोग करके ग्रामीण क्षेत्रों में आबादी वाली भूमि का सीमांकन करना था। शुक्रवार 27 दिसंबर को 10 राज्यों के 50 हजार गांवों में 58 लाख लोगों को मालिकाना हक वाले प्रॉपर्टी कार्ड वितरित किए जाएंगे।
क्या है स्वामित्व योजना?
केंद्र सरकार ने ग्रामीण क्षेत्रों में भूमि मालिकों को स्वामित्व कार्ड (Svamitva Card) जारी करने की योजना बनाई थी। इसके लिए भूमि मालिकों को एक कार्ड दिया जाएगा, जिस पर उनका मालिकाना हक होगा। इसकी मदद से बैंकों से ऋण लेना आसान हो जाएगा। इस कार्ड में लोगों की जमीन से जुड़ी सारी जानकारी डिजिटल रूप से संग्रहीत (Archived) होगी।
पंचायती राज मंत्रालय ने कहा कि पहले कई राज्यों के पास गांवों के आवासीय क्षेत्रों के नक्शे नहीं थे। जिसके कारण बैंकों से लोन मिलने में दिक्कतें आ रही थीं। नए प्रयास के बाद, कई संपत्ति मालिक अपने संपत्ति कार्ड के माध्यम से बैंक लोन प्राप्त करने में सक्षम हो गए हैं, जिसे अब कानूनी मान्यता भी मिल गई है।
क्या है इस योजना का उद्देश्य?
ग्रामीण भारत को आत्मनिर्भर बनाने और ग्रामीणों को उनके घरों के लिए ‘संपत्ति अधिकार’ देने के लिए 24 अप्रैल, 2020 को यह (Svamitva Yojna) योजना शुरू की गई थी। इस योजना के तहत अब तक 67,419 वर्ग किलोमीटर भूमि पर बने ग्रामीण घरों का सर्वेक्षण किया गया है और इन घरों के मालिकों को संपत्ति कार्ड दिए जाएंगे।
भारत के बजट से तीन गुना जमीन की कीमत
एक अनुमान के मुताबिक इस जमीन की न्यूनतम कीमत 1.37 लाख करोड़ रुपए है, जो भारत के बजट से तीन गुना है। देशभर के 3.44 लाख गांवों में से 3.17 गांवों में ड्रोन सर्वेक्षण पूरा हो चुका है। आबादी वाले और गैर-आबादी वाले क्षेत्रों का ड्रोन सर्वेक्षण इस (Svamitva Yojna) परियोजना का पहला चरण है। लगभग 83% गांवों में ग्रामीणों को मैप-1 उपलब्ध करा दिया गया है साथ ही लगभग 74% गांवों से मैप-1 वापस भी कर दिया गया है। इसके आधार पर मैप-2 तैयार किया जाएगा और इसके आधार पर संपत्ति कार्ड तैयार किया जाएगा।
यह भी पढ़ें- नौकरी के नए अवसर: LIC की बीमा सखी योजना का शुभारंभ आज, पीएम मोदी करेंगे शुरुआत
2 करोड़ से ज्यादा संपत्ति कार्ड तैयार
रिपोर्ट के मुताबिक अब तक 1.49 लाख गांवों में 2.19 करोड़ से अधिक संपत्ति कार्ड तैयार किए जा चुके हैं। उन्होंने कहा कि इस योजना का उद्देश्य ड्रोन और GIS टेक्नोलॉजी का उपयोग करके ग्रामीण आबादी वाले क्षेत्रों में संपत्ति मालिकों को ‘अधिकारों का रिकॉर्ड’ प्रदान करना है।
इसने डिजिटल रूप से मान्य संपत्ति रिकॉर्ड के माध्यम से स्थानीय शासन को मजबूत किया है, संपत्ति कार्डों ने इंस्टीट्यूशनल लोन तक पहुंच को आसान बनाया है, संपत्तियों के कानूनी स्वामित्व ने महिलाओं को वित्तीय और सामाजिक सुरक्षा प्रदान की है, और मैपिंग ने संपत्ति विवादों को काफी कम कर दिया है।
इस योजना के तहत मार्च 2026 तक सभी लाभार्थियों को कार्ड उपलब्ध करा दिए जाएंगे। हालांकि, पिछला लक्ष्य मार्च 2025 था। प्रधानमंत्री मोदी 27 दिसंबर को 10 राज्यों और दो केंद्र शासित प्रदेशों के 240 जिलों के 49 हजार से अधिक गांवों में 58 लाख से अधिक ग्रामीण परिवारों को संपत्ति कार्ड वितरित करना शुरू करेंगे। इस दौरान प्रधानमंत्री इस योजना के कुछ लाभार्थियों से बात भी करेंगे।
13 केंद्रीय मंत्री भी बांटेंगे स्वामित्व कार्ड
इस दौरान 13 केंद्रीय मंत्री देश के विभिन्न स्थानों पर स्वामित्व कार्ड भी वितरित करेंगे। इनमें जोधपुर (राजस्थान) में शिवराज सिंह चौहान, जयपुर (राजस्थान) में जेपी नड्डा, रूपनगर (पंजाब) में मनोहर लाल, नासिक (महाराष्ट्र) में पीयूष गोयल, गुना (मध्य प्रदेश) में ज्योतिरादित्य सिंधिया, धमतरी (छत्तीसगढ़) के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय, अलवर (राजस्थान) में भूपेंद्र यादव शामिल हैं।
कोटा (राजस्थान) में अन्नपूर्णा देवी, जितेंद्र सिंह कठुआ (जम्मू और कश्मीर) में, बीकानेर (राजस्थान) में अर्जुनराम मेघवाल , भागीरथ चौधरी अजमेर (राजस्थान) में, मुरलीधर मोहोल पुणे (महाराष्ट्र) में और कमलेश पासवान गोरखपुर (उत्तर प्रदेश) में उपस्थित रहेंगे।
इसके अलावा देशभर में 20,000 स्थानों पर संपत्ति कार्ड वितरित किये जायेंगे। मंत्रालय का कहना है कि हमारा प्रयास है कि सभी लाभार्थियों को एक ही दिन में कार्ड उपलब्ध करा दिए जाएं। इस योजना को 31 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों ने अपनाया है। पश्चिम बंगाल, बिहार, नागालैंड और मेघालय ने इस योजना को नहीं अपनाया है।
यूपी के हमीरपुर में भी बांटे जाएंगे स्वामित्व योजना के कार्ड
हमीरपुर में पीएम नरेंद्र मोदी 27 दिसंबर को स्वामित्व योजना का उद्घाटन करेंगे। इस अवसर पर 127880 लोगों को स्वामित्व प्रमाण पत्र बांटे जाएंगे।
बता दें 42 स्थानों में स्वामित्व कार्ड वितरण कार्यक्रम का आयोजन होगा। क्षेत्रीय अध्यक्ष प्रकाश पाल ने बताया कि इस कार्ड से माध्यम से किसानों को लोन लेने में आसानी होगी। इससे ग्रामीण क्षेत्रों का विकास होगा।
ऐसे करें स्वामित्व योजना के लिए ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन
आपको पंचायती राज मंत्रालय (MoPR) eGramSwaraj की आधिकारिक वेबसाइट www.egramswaraj.gov.in पर जाना होगा।
- होम पेज पर ‘New User Registration’ बटन पर क्लिक करें।
- पंजीकरण फॉर्म पर नाम, पता, मोबाइल नंबर और ईमेल आईडी और भूमि विवरण सहित बुनियादी जानकारी दर्ज करें।
- सभी विवरण सत्यापित करें और फिर ऑनलाइन पंजीकरण (आवेदन) फॉर्म जमा करें।
- आवेदन नंबर सहित रसीद प्राप्त करें।