नई दिल्ली। Surya Pushya Nakshatra: बारिश का मौसम शुरू हो गया है। झमाझम बरसात अपना असर दिखा रही है। जी हां ज्योतिषाचार्य की मानें तो अभी पुनर्वसु नक्षत्र में चल रहे सूर्य अति वृष्टि करा रहे थे, लेकिन अब ये सिलसिला कुछ दिनों के लिए थम जाएगा। वो इसलिए क्योंकि अब पुष्य नक्षत्र में प्रवेश करके सूर्य स्त्री-पुरुष योग बनाकर खंड वृष्टि कराएंगे। 7 जुलाई को सूर्य (Surya) ने पुनर्वसु नक्षत्र में प्रवेश किया था। लेकिन अब सूर्य नक्षत्र परिवर्तन करके पुष्य नक्षत्र में पहुंच जाएंगे।
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सूर्य इस दिन करेंगे पुष्य नक्षत्र में प्रवेश Surya Pushya Nakshatra
ज्योतिषाचार्य पंडित राम गोविंद शास्त्री के अनुसार 7 जुलाई से पुनर्वसु नक्षत्र में चल रहे सूर्य 21 जुलाई को पुष्य नक्षत्र में प्रवेश करेंगे। इसके बाद 15 दिन तक इसी नक्षत्र मे रहेंगे। इस दौरान स्त्री-स्त्री योग बनेगा। जो खंड बारिश कराएगा। इसके बाद 3 अगस्त को एक बार फिर सूर्य का नक्षत्र बदल लेंगे। जब ये अश्लेषा में पहुंचेंगे।
7 जुलाई को सूर्य ने बदला था नक्षत्र
इस महीने 7 जुलाई को सूर्य नक्षत्र परिवर्तन करके पुनर्वसु नक्षत्र में प्रवेश कर गए थे। इस दौरान बने स्त्री-पुरुष योग ने अति वृष्टि कराई। जिसके चलते पूरे देश में अति भारी बारिश दर्ज की गई। इस नक्षत्र में 15 दिन रहने के बाद सूर्य एक बार फिर अपनी राशि बदलने जा रहे हैं।
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सूर्य के नक्षत्र परिवर्तन का महत्व effect of surya nakshatra parivartan
हिंदू धर्म में सूर्य का नक्षत्र (Surya Nakshatra Parivartan) में प्रवेश का विशेष महत्व बताया गयाहै। ऐसी मान्यताएं हैं कि इस दौरान भगवान शंकर और भगवान विष्णु की पूजा करने से लाभ मिलता है। इस दौरान भगवान को खीर।पूरी और आम के फल का भोग लगाना उत्तम माना जाता है।
बारिश के नक्षत्र कितने प्रकार के होते हैं
आद्रा नक्षत्र – स्त्री-स्त्री योग
पुनर्वसु नक्षत्र – स्त्री-पुरुष योग
पुष्य नक्षत्र – स्त्री- स्त्री योग
अश्लेषा नक्षत्र – स्त्री-पुरुष योग
मघा नक्षत्र – स्त्री- स्त्री योग
पूर्वा नक्षत्र – स्त्री-पुरुष योग
उत्तरा नक्षत्र – स्त्री- स्त्री योग
हस्त नक्षत्र – स्त्री-पुरुष योग
जल चर नक्षत्र कौन से हैं
ज्योतिषाचार्य पंडित राम गोविन्द शास्त्री के अनुसार पुनर्वसु, अश्लेषा और पुष्य नक्षत्र जलचर नक्षत्र कहलाते हैं। यानि इन नक्षत्रों में बारिश (Surya Pushya Nakshatra) अच्छी मानी जाती है। लेकिन यदि इन नक्षत्रों में स्त्री-स्त्री योग वनता है तो खंड बारिश के योग बनते हैं।
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नोट: इस लेख में दी गई सूचनाएं सामान्य जानकारी पर आधारित हैं। बंसल न्यूज इसकी पुष्टि नहीं करता। अमल में लाने से पहले विशेषज्ञ की सलाह ले लें।
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