नई दिल्ली। अभी तक आद्रा नक्षत्र Surya Nakshatra Parivartan 2022 : में चल रहे सूर्य ने अश्लेषा में surya gochar effect 2022 प्रवेश कर लिया है। सूर्य का नक्षत्र परिवर्तन बारिश के लिए खास माना जाता है। ज्योतिषाचार्य पंडित राम गोविंद शास्त्री की मानें तो जलचर राशि में पहुंचे सूर्य बारिश के योग बनाएंगे। 22 जून को आद्रा Surya Nakshatra Parivartan 2022 : में प्रवेश किए सूर्य 3 अगस्त यानि surya ka gochar 2022 आज एक बार फिर नक्षत्र परिवर्तन कर लिया है।
जलचर नक्षत्र में पहुंचने से बारिश के आसार – jalchar nakshatra
पंडित राम गोविंद शास्त्री के अनुसार सूर्य 3 अगस्त की शाम को आद्रा adra से अश्लेषा ashlesha nakshatra में प्रवेश कर लिया है। हालांकि अश्लेषा स्त्री-स्त्री योग वाला नक्षत्र है। इसलिए बारिश में रूकावट डालता है। लेकिन अश्लेषा चूंकि जलचर नक्षत्र है। इसलिए एक बार फिर बारिश के योग बनते दिख रहे हैं।
सूर्य के नक्षत्र परिवर्तन का महत्व effect of surya nakshatra parivartan
हिंदू धर्म में सूर्य का नक्षत्र में प्रवेश का विशेष महत्व बताया गयाहै। ऐसी मान्यताएं हैं कि इस दौरान भगवान शंकर और भगवान विष्णु की पूजा करने से लाभ मिलता है। इस दौरान भगवान को खीर.पूरी और आम के फल का भोग लगाना उत्तम माना जाता है।
इन नक्षत्रों में बनेंगे ये योग —
आद्रा नक्षत्र — स्त्री—पुरुष योग
पुनर्वसु नक्षत्र — स्त्री—स्त्री योग
पुष्य नक्षत्र — स्त्री—पुरुष योग
अश्लेषा नक्षत्र — स्त्री—स्त्री योग
मघा नक्षत्र — स्त्री—पुरुष योग
पूर्वा फाल्गुनी — स्त्री—पुरुष योग
उत्तरा फाल्गुनी — स्त्री—पुरुष योग
हत्स नक्षत्र — स्त्री—स्त्री योग
हस्त नक्षत्र में बूढ़ी हो जाएगी बारिश —
पंडित रामगोविंद शास्त्री के अनुसार अभी तक मृगसिरा नक्षत्र में चल रहे सूर्य 22 जून को सूर्य आद्रा नक्षत्र में प्रवेश करने जा रहे हैं। जिससे स्त्री—पुरुष योग तो बन रहा है। लेकिन इस दौरान खंड बारिश होगी। इस दौरान सूर्य 6 जुलाई तक सूर्य इसी स्थिति में रहेंगे। इसके बाद पुनर्वसु नक्षत्र प्रवेश करके ये अच्छी बारिश के योग बनाएंगे। ज्योतिषाचार्यों के अनुसार स्त्री पुरुष योग बारिश के अच्छे योग बनते हैं जबकि स्त्री—स्त्री योग होने पर खंड बारिश की आशंका होती है।
हस्त नक्षत्र में —
ज्योतिषचार्या की मानें तो सूर्य लगभग 15 दिन तक प्रत्येक नक्षत्र में प्रवेश करता है। करीब 4 महीने तक वर्षा ऋतु रहेगी। इस दौरान सूर्य अलग—अलग नक्षत्रों में प्रवेश करेंगे। सबसे अंत में जब ये हस्त नक्षत्र जिसे हाथी भी कहा जाता है। इसमें प्रवेश करेंगे तो बारिश का अंतिम दौर माना जाता है। यानि इस समय बारिश बूढ़ी हो जाती है। इसके बाद 26 सितंबर से नवरात्रि शुरू होते ही बारिश का दौर थम जाएगा।
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