नई दिल्ली। Surya Gochar 2022 बीते 17 नवंबर से तुला राशि में चल रहे सूर्य इस महीने की 16 तारीख यानि 16 दिसंबर को धनु राशि में प्रवेश करेंगे। आपको बता दें सूर्य जब भी राशि परिवर्तन करते है। तो मौसम के साथ—साथ हर चीज में बदलाव आता है। धनु राशि में प्रवेश करने पर इसे धनु संक्रांति कहा जाता है। धनु संक्रांति लगते ही शुभ कार्यों की मनाही हो जाएगी। यानि मकर संक्रांति तक कोई भी शुभ काम नहीं होंगे। इस गोचर काल को मलमास भी कहा जाता है।
इस दिन से शुरू हो जाएंगे खरमास —
Kharmas 2022: दिसंबर को महीना शुरू हो गया है। surya gochar 2022 ऐसे में इसी महीने सूर्य भी dhanu sankranti 2022 अपनी चाल बदलने वाले हैं। इसी दिन से खरमास शुरू हो जाएंगे। इन्हें मलमास भी कहते हैं। आपको बता दें 16 दिसंबर को सूर्य धनु राशि में प्रवेश कर जाएंगे। इसे धनु संक्रांति भी करते हैं। इस दिन से खरमास शुरू होने के साथ ही शुभ कामों पर रोक लग जाएगी। जिसमें मुंडन, सगाई और गृह प्रवेश जैसे शुभ कार्यों पर विराम लग जाएगा।
12 राशियों की 12 संक्रांतियां —
आपको बता दें कुंडली में 12 राशियां होती हैं। जब सूर्य इन राशियों में प्रवेश करते हैं तो ये 12 संक्रांतियों के नाम से जानी जाती हैं। सूर्य को ग्रहों का राजा कहा जाता हैं। Kharmas 2022: जब ग्रहों के राजा सूर्य जब धनु राशि में प्रवेश करते हैं तो धनु संक्रांति होती है। 16 दिसंबर को धनु संक्रांति लगते ही 30 दिन के लिए मुंडन, सगाई और गृह प्रवेश जैसे शुभ कार्यों पर विराम लग जाता है।
आखिर किसे कहते हैं खरमास?
हिन्दू पंचांग के अनुसार एक साल में 12 राशियों की 12 संक्रांति होती है। जब सूर्य धनु राशि में प्रवेश करता है तो उसे धनु संक्रांति कहते हैं। जब मकर राशि में प्रवेश करते है तो उसे मकर संक्रांति कहते हैं। इन दोनों संक्रांतियों के बीच के समय को मलमास कहते हैं। इसे समय अंतराल को ही खरमास कहते हैं।
क्यों बंद होते हैं शुभ कार्य
ज्योतिषिय पंडित राम गोविंद शास्त्री के अनुसार गुरु देव बृहस्पति धनु राशि के स्वामी हैं। जब बृहस्पति अपनी ही राशि में प्रवेश करते हैं तो ये जातकों के लिए अच्छा नहीं होता है। जब ऐसा होता है तब लोगों की कुंडली में सूर्य कमजोर पड़ जाता है। धनु राशि में सूर्य के कमजोर होने के चलते ही इसे मलमास कहते हैं। साथ ही ऐसा भी माना जाता है कि इस समय अंतराल यानि खरमास में सूर्य का स्वभाव उग्र हो जाता है। सूर्य के कमजोर होने के कारण इस महीने में शुभ कार्यों की मनाही होती है।