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SC ने कोलकाता केस में टास्क फोर्स गठन करने के दिए आदेश: CBI से दो दिन के अंदर मांगी स्टेटस रिपोर्ट, 22 अगस्त को अगली सुनवाई

Kolkata Rape Case SC: ट्रेनी महिला डॉक्टर से दुष्कर्म और हत्या मामले में SC ने राज्य सरकार, पुलिस प्रशासन, अस्पताल प्रबंधन से तीखे सवाल पूछे।

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aman sharma
Kolkata Rape Case SC

Supreme Court raised questions on the role of the state government police and hospital case of rape and murder trainee doctor Hindi News

Kolkata Rape Case SC: कोलकाता में 31 साल की ट्रेनी महिला डॉक्टर से दुष्कर्म के बाद हत्या मामले में सुप्रीम कोर्ट ने राज्य सरकार, पुलिस प्रशासन और अस्पताल प्रबंधन से तीखे सवाल पूछे। कोर्ट ने कहा कि यह अप्राकृतिक मौत का मामला है। बता दें कि डॉक्टर्स की हड़ताल के बाद सुप्रीम कोर्ट ने स्वत: संज्ञान लिया था। मामले की सुनवाई करते हुए मुख्य न्यायाधीश डी. वाई चंद्रचूड़ की पीठ ने सख्ती से सवाल पूछे। सुप्रीम कोर्ट ने 22 अगस्त तक सीबीआई को स्टेटस रिपोर्ट तलब करने के आदेश दिए हैं। इस मामले की अगली सुनवाई अब 22 अगस्त को की जाएगी।

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कोर्ट ने कहा कि आखिर प्रिसिंपल क्या कर रहे थे। शीर्ष अदालत ने पूछा कि पुलिस ने क्राइम सीन को प्रोटेक्ट क्यों नहीं किया। साथ ही यह भी कहा कि एफआईआर दर्ज करने में देरी क्यों हुई।

वहीं, कोर्ट ने यह भी कहा कि आर. जी. कर अस्पताल में डॉक्टरों की चल रहे विरोध प्रदर्शन को जबरदस्ती बंद न करवाया जाए। साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने यह भी कहा कि डॉक्टरों की सुरक्षा के लिए नेशनल टास्क फोर्स का गठन किया जाएगा।

हम आपकी सुरक्षा के लिए यहां हैं- CJI

डॉक्टरों की सुरक्षा को लेकर कोर्ट ने राज्य सरकार की कार्रवाई पर कई सवाल खड़े किए हैं। कोर्ट ने सुनवाई के दौरान कई सख्त सवाल पूछे हैं। कोर्ट ने पूछा कि पीड़िता की पहचान उजागर कैसे हुई? जब 7 हजार लोग अस्पताल में घुसे तब पुलिस वहां पर क्या कर रही थी। हम सीबीआई से गुरुवार तक स्टेटस रिपोर्ट चाहते हैं।

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हम एक नेशनल टास्ट फोर्स का गठन करने जा रहे हैं। सीजेआई ने कहा कि हम डॉक्टरों से आग्रह करते हैं कि वह वापस अपने कार्य पर लौटें। हम डॉक्टरों से अपील करते हैं। हम उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए यहां हैंष हम इसे हाई कोर्ट पर नहीं छोडेंगे। यह एक बड़ा राष्ट्रहित का मामला है।

टास्क फॉर्स में ये लोग होंगे शामिल
  • नेशनल टॉस्क फोर्स में ये डॉक्टर
  • आरके सरियन, सर्जन वाइस एडमिरल
  • डॉ. नागेश्वर रेड्डी, मैनेजिंग डायरेक्टर एशियन इंस्टीट्यूट ऑफ नेशनल गैस्ट्रोलॉजी
  • डॉ. एम. श्रीनिवास, डायरेक्टर AIIMS, दिल्ली
  • डॉ. प्रतिमा मूर्ति, NIMHANS, बेंगलुरू
  • डॉ. गोवर्धन दत्त पुरी, डायरेक्टर, AIIMS, जोधपुर
  • डॉ. सौमित्र रावत, गंगाराम अस्पताल के मैनेजिंग मेंबर
  • प्रोफेसर अनीता सक्सेना, कार्डियोलॉजी हेड, AIIMS, दिल्ली
  • प्रोफेसर पल्लवी सापरे, डीन- ग्रांट मेडिकल कॉलेज, मुंबई
  • डॉ. पदमा श्रीवास्तव, न्यूरोलॉजी डिपार्टमेंट, AIIMS
ये पांच सदस्य भी होंगे टास्क फोर्स में शामिल
  • भारत सरकार के कैबिनेट सचिव
  • भारत सरकार के गृह सचिव
  • केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के सचिव
  • नेशनल मेडिकल कमीशन के अध्यक्ष
  • नेशनल बोर्ड ऑफ इग्जामिनर्स के अध्यक्ष
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पीड़िता के साथ किया पशु जैसे व्यवहार

सॉलिसिटर जनरल ने मामले की सुनवाई के दौरान कहा कि हम एक ऐसे मामले की बात कर रहे हैं, जिसमें एक यौन विकृत व्यक्ति ने न सिर्फ एक महिला डॉक्टर के साथ दुष्कर्म किया, बल्कि उसके साथ पशु जैसा व्यवहार भी किया है। हमें इसे राजनीतिक मुद्दा नहीं बनाना चाहिए।

राज्य सरकार इससे कतई मना नहीं कर सकती है कि देश में लगभग 23 राज्यों में ऐसे कानून हैं, जो चिकित्सा सुविधाओं को नुकसान पहुंचाने और डॉक्टरों पर हमले को रोकते हैं। इसके बाद सॉलिसिटर जनरल ने कहा कि पीड़िता के माता पिता को 3 घंटे का इंतजार करना पड़ा।

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