Supreme Court hearing Patanjali: पतंजलि विज्ञापन मामले केस में आज सुप्रीम कोर्ट आज सुनवाई होगी। सुप्रीम कोर्ट यह तय करेगा कि बाबा रामदेव और बालकृष्ण के खिलाफ अवमानना का आरोप तय किए जाए या नहीं। इस मामले में आखिरी सुनवाई 23 अप्रैल को हुई थी।
बता दें कि सुप्रीम कोर्ट इंडियन मेडिकल एसोसिएशन की 2022 की याचिका पर सुनवाई कर रही है। इंडियन मेडिकल एसोसिएशन ने पतंजलि पर आरोप लगाया था कि कोविड टीकाकरण अभियान और चिकित्सा की आधुनिक प्रणालियों के खिलाफ बदनामी का अभियान चलाने का आरोप लगाया गया है।
23 अप्रैल को हुई थी आखिरी सुनवाई
पतंजलि विज्ञापन केस में आखिरी सुनवाई 23 अप्रैल को हुई थी। जिसमें पतंजलि की ओर से एडवोकेट मुकुल रोहतगी ने जस्टिस हिमा कोहली और जस्टिस अहसानुद्दीन अमानुल्लाह की बेंच से कहा था कि उन्होंने उसने 67 अखबारों में माफीनामा प्रकाशित किया है।
#SupremeCourt to hear the contempt case against #Patanjali Ayurveda, Acharya Balkrishna and #BabaRamdev today.
The Court will examine today the public apology published by them for publishing misleading medical ads.
Bench : Justices Hima Kohli & Ahsanuddin Amanullah pic.twitter.com/mQ18OhRESL
— VATS (@Sanjvats) April 30, 2024
एडवोकेट मुकुल रोहतगी ने यह कहा था कि प्रकाशित माफीनामें में यह लिखा गया था कि वह कोर्ट का पूरा सम्मान करते हैं और उनकी गलतियों को फिर दोहराया नहीं जाएगा।
माफीनामें का आकार विज्ञापनों के समान- सुप्रीम कोर्ट
पतंजलि विज्ञापन केस पर सुप्रीम कोर्ट ने पतंजलि के एडवोकेट मुकुल रोहतगी से माफीनामे प्रकाशन पर सवाल पूछते हुए कहा कि क्या पतंजलि ने 67 अखबारों में माफीनामा प्रकाशित किया है क्या उसका आकार उसके प्रोडक्ट विज्ञापन के बराबर ही है, जिसपर पतंजलि ने सुप्रीम कोर्ट में दोवा किया कि इन विज्ञापन की कीमत 10 लाख रुपये है।
डॉक्टर मंहगी दवाइयां पर्चे पर क्यों लिखते हैं- कोर्ट
सुप्रीम कोर्ट ने दवाओं के विज्ञापन की सुनवाई का दायरा बढ़ा दिया गया। कोर्ट आगे कहा कि ये मामला सिर्फ पतंजलि तक सीमित नहीं है, बल्कि अन्य संस्थाओं को भी यह समझना होगा।
सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र से पूछा कि विज्ञापन के जरिए उत्पाद बेचकर लोगों के स्वास्थय खिलवाड़ करने वाली कंपनियों पर क्या कार्रवाई की?
कोर्ट ने इंडियन मेडिकल एसोसिएशन से सवाल पूछा कि एलोपैथी डॉक्टर खास ब्रांड की महंगी दवाइयां पर्चे पर क्यों लिखते हैं? वहीं सुप्रीम कोर्ट ने नेशनल मेडिकल कमीशन से भी सवाल पूछा कि जानबूझकर जो डॉक्टर पर्चे पर महंगी दवाइयां लिखते हैं उसके रजिस्ट्रेशन रद्द करने का क्या नियन है?
दिव्य फार्मेसी के 14 प्रोडक्ट पर बैन
उत्तराखंड लाइसेंसिंग प्राधिकरण ने सोमवार को पतंजलि को बड़ा झटका लिया है। उन्होंने पतंजलि के 14 प्रोडक्ट्स के लाइसेंस तत्काल प्रभाव में रद्द कर दिए। सुप्रीम कोर्ट में दायर एक हलफनामे में लाइसेंसिंग संस्थान ने बताया कि पतंजलि के मिसलिडिंग प्रोडक्ट्स की दिव्य फार्मेसी द्वारा 14 प्रोडक्ट्स के लाइसेंस निलंबित कर दिए गए हैं।
इन प्रोडक्ट्स को किया बैन
उत्तराखंड लाइसेंसिंग प्राधिकरण ने दिव्य फार्मेसी की दृष्टि आई ड्रॉप, स्वासारि गोल्ड, स्वासारि प्रवाही, स्वासारि अवलेह, सारि वटी, ब्रोंकोम,, मुक्ता वटी एक्स्ट्रा पावर, लिपिडोम, बीपी ग्रिट, मधुग्रिट, वोग्रिट और आईग्रिट गोल्ड, मधुनाशिनी वटी एक्स्ट्रा पावर, लिवामृत एडवांस शामिल हैं.
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