हाइलाइट्स
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पीरियड लीव पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई
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सुप्रीम कोर्ट ने कहा छुट्टी से महिलाएं वर्कफोर्स से दूर होंगी
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पीरियड लीव महिलाओं के लिए नुकसानदेह
Menstrual Leave Hearing: पीरियड लीव को लेकर भारत में काफी लंबे समय से बहस छिड़ी हुईं है। अब सुप्रीम कोर्ट का इस पूरे मामले को लेकर एक तीखी टिप्पणी आई है। पीरियड्स के दौरान महिलाओं को वर्कप्लेस पर छुट्टी मिले, इसके लिए सुप्रीम कोर्ट में आज सुनवाई हुईं है।
इस छुट्टी में CJI ने दी ये दलील
#GenderEquality | Empowering women in the workforce, one policy at a time#SupremeCourt requests Centre to engage with stakeholders and States to consider framing a menstrual leave policy, citing potential benefits for women’s workforce participation. However, it also warns that… pic.twitter.com/pGHCIdnclF
— DD News (@DDNewslive) July 8, 2024
याचिका पर सुनवाई कर रही चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की पीठ ने कहा कि यह छुट्टी ज्यादा महिलाओं को वर्कफोर्स का हिस्सा बनने के लिए प्रोत्साहित करती है। इस तरह के अवकाश को जरूरी बनाने से महिलाएं वर्कफोर्स से दूर हो जाएंगी।
हम ऐसा नहीं चाहते हैं, महिलाओं की सुरक्षा के लिए हम जो प्रयास करते हैं, वह उनके लिए नुकसानदेह हो सकता है। यह वास्तव में सरकार की नीति का पहलू है और इस पर अदालतों को गौर नहीं करना चाहिए।
पिछले साल का है मामला
याचिकाकर्ता का कहना है कि मई 2023 में केंद्र को एक प्रतिनिधित्व प्रस्तुत किया गया था। चूंकि मुद्दे राज्य की नीति के विविध उद्देश्यों को उठाते हैं, इसलिए इस अदालत के लिए हमारे पिछले आदेश के आलोक में हस्तक्षेप करने का कोई कारण नहीं है।
पीठ ने हालांकि याचिकाकर्ता और वकील शैलेंद्र त्रिपाठी की ओर से पेश वकील राकेश खन्ना को महिला एवं बाल विकास मंत्रालय (Ministry of Women and Child Development) के सचिव और अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल ऐश्वर्या भाटी के समक्ष पेश होने की अनुमति दे दी।
महीने में 2 दिन के लिए काम नहीं कर पातीं महिलाएं: सर्वे
ब्रिटिश मेडिकल एसोसिएशन के जर्नल BMJ में प्रकाशित एक अध्ययन में शामिल नीदरलैंड की 32 हजार महिलाओं में से करीब 81 फीसदी का कहना था कि पूरे साल में पीरियड्स के दौरान होने वाली तकलीफ से उनकी प्रोडक्टिविटी में करीब 23 दिन के काम की कमी आई। या यूं कहें कि ये महिलाएं हर महीने 2 दिन पीरियड्स के दर्द से परेशान रहीं।
इस सर्वे के मुताबिक 14% ने माना पीरियड्स के दौरान उन्होंने काम या स्कूल से छुट्टी ली। बाकी महिलाओं का कहना था कि दर्द में होने के बावजूद उन्होंने अपना काम जारी रखा, क्योंकि उनको पता है कि उनकी छुट्टी का उनके काम पर असर पड़ेगा।
इसी तरह ऑस्ट्रेलिया के मेलबर्न स्थित ‘HR सॉफ्टवेयर प्रोवाइडर विक्टोरियन वुमंस ट्रस्ट एंड सर्कल इन’ के सर्वे के मुताबिक 70% महिलाएं अपने मैनेजर से पीरियड्स के बारे में बात करने में सहज महसूस नहीं करतीं। 83% ने माना इसका उनके काम पर निगेटिव असर पड़ा। यह सर्वे 2021 में 700 महिलाओं के बीच किया गया था।