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कार के लाइसेंस पर ट्रक चलाने पर रोक नहीं: सुप्रीम कोर्ट ने बरकरार रखा 2017 का फैसला, चला सकेंगे 7500 किलो तक के वाहन

Supreme Court Decision On Driving License: कार के लाइसेंस पर ट्रक चलाने पर रोक नहीं है।सुप्रीम कोर्ट ने 2017 का फैसला बरकरार रखा है।

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Rahul Garhwal
Supreme Court Decision On Driving License Car license does not prohibit driving heavy vehicles hindi news

Supreme Court Decision On Driving License: कार के लाइसेंस पर आप ट्रक और उससे भी भारी वाहन चला सकेंगे। सुप्रीम कोर्ट ने लाइट मोटर व्हीकल लाइसेंस होल्डर्स को 7500 किलो तक की गाड़ियां चलाने की परमिशन दी है। 5 जजों की बेंच ने 21 अगस्त को सुरक्षित रखा फैसला सुनाया है।

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सुप्रीम कोर्ट ने क्या कहा ?

बुधवार को सुनवाई के दौरान कोर्ट ने कहा कि ऐसा कोई डेटा नहीं है, जो साबित करता हो कि LMV ड्राइविंग लाइसेंस होल्डर्स देश में बढ़ती सड़क दुर्घटनाओं के लिए जिम्मेदार हैं। चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की 5 जजों की बेंच ने फैसला सुनाया कि ये मुद्दा LMV ड्राइविंग लाइसेंस रखने वाले ड्राइवरों की रोजी-रोटी से जुड़ा है। कोर्ट ने केंद्र से कानून में संशोधन प्रक्रिया जल्द पूरी करने को भी कहा।

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बीमा कंपनियों को झटका

सुप्रीम कोर्ट का ये फैसला बीमा कंपनियों के लिए झटका है। बीमा कंपनियां हादसों में एक निश्चित वजन के ट्रांसपोर्ट व्हीकल के शामिल होने और नियम मुताबिक ड्राइवरों को उन्हें चलाने के लिए अधिकृत नहीं होने पर क्लेम खारिज कर रही थीं। 18 जुलाई 2023 को सुप्रीम कोर्ट की संवैधानिक बेंच ने इस कानूनी मुद्दे से संबंधित 76 याचिकाओं की सुनवाई शुरू की। मुख्य याचिका बजाज अलायंस जनरल इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड द्वारा दायर की गई थी।

सुप्रीम कोर्ट के फैसले की 3 बड़ी बातें

1. LMV और ट्रांसपोर्ट व्हीकल अलग-अलग कैटेगरी नहीं हैं। दोनों के बीच ओवर लैप है। कानून को व्यावहारिक और काम में आने योग्य बने रहना चाहिए।

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2. खतरनाक सामान ले जाने वाले वाहनों पर विशेष पात्रता रहेगी।

3. सड़क हादसों के पीछे लापरवाही से और तेज स्पीड में गाड़ी चलाना, सड़क का डिजाइन और ट्रैफिक रूल्स का उल्लंघन शामिल है। इसके अलावा ड्राइविंग करते समय मोबाइल का इस्तेमाल, सीट बेल्ट न लगाना और हेलमेट न पहनना भी हादसों का कारण बनते हैं।

2017 के एक केस से उठा था सवाल

ये सवाल 2017 के एक केस से उठा था। जब मुकुंद देवांगन बनाम ओरिएंटल इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड मामले में सुप्रीम कोर्ट की 3 जजों की बेंच ने एक फैसला सुनाया था। सुप्रीम कोर्ट ने तब कहा था कि ऐसे ट्रांसपोर्ट व्हीकल, जिनका कुल वजन 7500 किलोग्राम से ज्यादा नहीं है, उन्हें LMV यानी लाइट मोटर व्हीकल की परिभाषा से बाहर नहीं कर सकते।

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बीमा कंपनियों ने लगाया था आरोप

बीमा कंपनियों ने अदालतों पर आरोप लगाया था कि मोटर एक्सीडेंट क्लेम ट्रिब्यूनल (MACT) और अदालतें एलएमवी ड्राइविंग लाइसेंस से जुड़ी उनकी आपत्तियों की अनदेखी करते हुए उन्हें बीमा दावों का भुगतान करने के लिए आदेश दे रही हैं। बीमा कंपनियों का कहना था कि बीमा दावा विवादों का फैसला करते वक्त अदालतें बीमाधारक के पक्ष में फैसला सुना रही हैं।

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