नई दिल्ली। इस साल विभिन्न उच्च न्यायालयों में अब तक 153 न्यायाधीशों की नियुक्ति हुई है और बृहस्पतिवार को इस आशय की जानकारी देते हुए सूत्रों ने भविष्य में और नियुक्तियां होने का संकेत दिया। बंबई उच्च न्यायालय में बृहस्पतिवार को छह अतिरिक्त न्यायाधीशों की नियुक्ति की गई।
ऐसी सूचना है कि सरकार जल्दी ही बंबई उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति दीपांकर दत्ता को उच्चतम न्यायालय में लाने पर फैसला कर सकती है। अगर दत्ता को उच्चतम न्यायालय में लाया जाता है तो शीर्ष अदालत में न्यायाधीशों की संख्या बढ़कर 30 हो जाएगी। उच्चतम न्यायालय में प्रधान न्यायाधीश सहित कुल न्यायाधीशों के 34 पद स्वीकृत हैं। सरकार द्वारा संभवत: इसी सप्ताह या अगले सप्ताह की शुरुआत में देश के अगले प्रधान न्यायाधीश के नियुक्ति की प्रक्रिया भी शुरू की जाएगी।
इस प्रक्रिया के तहत केन्द्रीय कानून मंत्रालय प्रधान न्यायाधीश को पत्र लिखकर अपना उत्तराधिकारी नामित करने का अनुरोध करेगा। न्यायमूर्ति उदय उमेश ललित प्रधान न्यायाधीश के पद से आठ नवंबर को सेवानिवृत्त होने वाले हैं। उनके बाद न्यायमूर्ति धनंजय वाई. चन्द्रचूड़ उच्चतम न्यायालय के वरिष्ठतम न्यायाधीश हैं। सामान्य परिपाटी के अनुसार, प्रधान न्यायाधीश सबसे वरिष्ठ न्यायाधीश को अपना उत्ताराधिकारी नामित करते हैं। अगर सामान्य परंपरा जारी रही तो न्यायमूर्ति चन्द्रचूड़ भारत के 50वें प्रधान न्यायाधीश होंगे।