हाइलाइट्स
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MP में अवैध कॉलोनी काटने वालों पर लगेगा NSA
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क्षेत्र के तहसीलदार, पटवारी, निगग पर भी होगी कार्रवाई
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नगरीय प्रशासन विभाग तैयार कर रहा कानून का ड्राफ्ट
MP में Illegal Colonies को वैध करने की घोषणा पूर्व सीएम शिवराज सिंह चौहान ने की थी. अब सीएम मोहन यादव ने इस मामले का नए सिरे से निराकरण करने की तैयारी कर रही है.
MP में अब कॉलोनियों (MP Illegal colonies) को वैध करने की बजाय नया कानून बनाया जा रहा है. इसके तहत अवैध कॉलोनाइजर पर राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (NSA) के तहत कार्रवाई की जाएगी.
इसके साथ ही जिस इलाके में अवैध कॉलोनी बनी होगी वहां के तहसीलदार और नगर निगम के जोनल अफसर से लेकर पटवारी तक पर सीधे कार्रवाई होगी.
भोपाल, इंदौर में हैं कई अवैध कॉलोनियां
नए कानून का ड्राफ्ट तैयार करने की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है. इसकी जिम्मेदारी नगरीय प्रशासन मंत्रालय के प्रमुख सचिव को सौंपी गई है.
इस समय राजधानी भोपाल में ही सरकारी रिकॉर्ड में 576 अवैध कॉलोनियों हैं. वहीं इंदौर में भी 900 अवैध कॉलोनियां हैं. अब नए कानून के बाद इन्हें वैध नहीं किया जा सकता है.
पूर्व सीएम शिवराज ने की थी वैध करने की घोषणा
पूर्व सीएम शिवराज सिंह चौहान के शासन काल में इन कॉलोनियों को वैध करने का आदेश जारी हुआ था. 1 दिसंबर 2022 तक बनी सभी अवैध कॉलोनियों को वैध करने की घोषणा की गई थी.
वहीं इसके पहले 2016 के पहले बनी अवैध कॉलोनियों (MP Illegal colonies) को वैध करने की घोषणा की थी गई थी. इस दौरान कई अवैध कॉलोनियों को वैध भी किया गया था.
256 कॉलोनियों पर हो चुकी FIR
राजधानी भोपाल में 256 कॉलोनियों पर एफआईआर दर्ज हो चुकी है. राजधानी के कई पॉश इलाके हैं जहां बस्तियों जैसी अवैध बसाहट है. इन कॉलोनियों में बिजली, पानी, सड़क और ड्रेनेज जैसी मूलभूत सुविधाएं भी नहीं हैं.
वैध कॉलोनियों वाले बिल्डर्स ने उठाया था मामला
वैध कॉलोनियों वाले बिल्डर्स ने शिकायत की थी कि सरकार के सारे नियम कायदे हमारे लिए बनाए हैं. हम सारी अनुमतियां लेते हैं, टैक्स चुकाते हैं.
अवैध कॉलोनाइजर कहीं भी कॉलोनी काटकर निकाल जाते हैं बिना परमिशन के भी प्लॉटिंग कर रहे हैं. उन पर कोई कार्रवाई भी नहीं हो रही है. इसके बाद सरकार इन्हें वैध भी कर देती है.
अधिकारियों पर भी कार्रवाई: कैलाश विजयवर्गीय
नगरीय प्रशासन मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने कहा कि अवैध कॉलोनी (MP Illegal colonies) के निर्माण के ज्यादातर मामलों में निचले स्तर के अधिकारी-कर्मचारी शामिल हैं.
इसलिए नए कानून में कॉलोनाइजर के साथ ही उस क्षेत्र के अधिकारी-कर्मचारियों पर भी कार्रवाई की जाएगी.
मौजूदा व्यवस्था में यह संभव नहीं है. इसलिए प्रमुख सचिव को नया ड्राफ्ट तैयार करने के लिए कहा गया है.
2000 वर्ग फीट तक के लिए बिल्डिंग परमिशन जरूरी नहीं
नए कानून के तहत अब 2000 वर्ग फीट तक का मकान बिना बिल्डिंग परमिशन के बना सकते हैं. इसके लिए प्लॉट मालिक नगर निगम या नगर पालिका में शुल्क जमा कर निर्धारित मापदंड के हिसाब से भवन बना पाएंगे.
निगम से भी इसकी अनुमति नहीं लेनी होगी शुल्क जमा करने के साथ ही डीम्ड परमिशन जारी हो जाएगी. बता दें वर्तमान में प्रदेश में 1000 वर्ग फीट तक के मकान के लिए परमिशन लेने की जरूरत नहीं होती है. इस फैसले के बाद बिल्डिंग परमिशन शाखा का 90% काम खत्म हो जाएगा.