Prakash Chandra Sethi : देशभर में ऐसे कई नेता हैं जिनके किस्से आज भी लोगों को हैरान कर देते है। ऐसा ही एक किस्सा मध्यप्रदेश की राजनीति से जुड़ा है, जिसे सुनकर आप भी सोच में पड़ जाएंगे। हम बात कर रहे है प्रकाशचंद्र सेठी (Prakash Chandra Sethi) की, जो मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री रह चुके है। एक आईएएस अधिकारी की किताब और मीडिया की खबरों के अनुसार बात उस समय की है जब कांग्रेस नेता और पूर्व केंन्द्रीय मंत्री गुलाम बनी आजाद की शादी थी। गुलाम नबी की शादी में प्रकाशचंद्र सेठी (Prakash Chandra Sethi) को भी आमंत्रित किया गया था।
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गुलाम नबी आजाद की शादी में देशभर के कई चर्चित नेता शरीक हुए थें। प्रकाशचंद्र सेठी (Prakash Chandra Sethi) भी इस शादी में सरकारी विमान से श्रीनगर पहुंचे थे। शादी के तय कार्यक्रम के अनुसार सेठी जी (Prakash Chandra Sethi) को रात में ही शादी अटेंड करने के बाद भोपाल लौटना था। लेकिन कुछ कारण बस वह भोपाल नहीं लौट पाए और श्रीनगर में ही रात बिताना तय किया। लेकिन रात में उन्हें याद आया की वह अपना पजामा लान भूल गए। क्योंकि पजामा के बिना उन्हें नींद नहीं आती थी। पजामा नहीं लाने की बात उन्होंने अपने स्टॉफ से कहीं। इसके बाद सरकार विमान ने पायजामा लेने के लिए करीब 1600 किलोमीटर की उड़ान भरी। बताया जाता है कि रात करीब 9 बजे सरकारी विमान मुख्यमंत्री जी का पायजामा लेकर श्रीनगर पहुंचा तब जाकर सेठी जी (Prakash Chandra Sethi) को नींद आई। हालांकि सेठीजी (Prakash Chandra Sethi) का निधन हो चुका है। लेकिन उनका यह किस्सा आज भी मशहूर है।
बम से मारना चाहते थे डकैतों को
प्रकाशचंद्र सेठी (Prakash Chandra Sethi) का एक और किस्सा काफी मशहूर है। जब सेठीजी (Prakash Chandra Sethi) मुख्यमंत्री थे उस दौरान मध्यप्रदेश के बुंदेलखंड के कई इलाकों में डाकुओं का आंतक था। डाकुओं के आतंक को खत्म करने के लिए सेठीजी (Prakash Chandra Sethi) प्रयास में थे एक दिन सेठी जी ने अधिकारियों की बैठक बुलाई। बैठक में उन्होंने एक ऐसी बात बोली की चारों ओर सन्नाठा परस गया। सेठी जी (Prakash Chandra Sethi) ने एक लाइन में कहा कि डकैतों के इलाकों में भारतीय वायुसेना बम गिरा दे, मामला ही खत्म हो जाएगा। अधिकारी वायुसेना के विमानों से बम गिराने की बात सुनकर सन्न रह गए। सेठी जी (Prakash Chandra Sethi) अपनी बात पर अड़ीग रहे और दिल्ली पहुंचकर रक्षामंत्री जगजीवन राम के पास पहुंचे और परमीशन ली। इसके बाद अगले ही दिन एयरफोर्स के हेड आफिस में आपरेशन की तैयारी शुरू हो गई। सेठीजी (Prakash Chandra Sethi) भोपाल पहुंचे। जैसे ही यह खबर अखबारों में छपी तो डकैतों में खलबली मच गई। कुछ डकैतों ने तो घबराकर सरेंडर की बात कही। तो कुछ डकैत भागने की तैयारी करने लगे। बताया जाता है कि उस दौरान करीब 450 से अधिक डकैतों ने आत्म समर्पण कर दिया था।
प्रकाशचंद्र सेठी का करियर
प्रकाश चंद्र सेठी (Prakash Chandra Sethi) 1939 में उज्जैन के माधव महाविद्यालय के सचिव रहे। 1949 से 1952 तक मध्यभारत इंटक के उपाध्यक्ष पद का कार्यभार भी संभाला। इसके बाद सेठी जी को 1951 में अखिल भारतीय कांग्रेस समिति का सदस्य बनाया गया। 1951, 1954 तथा 1957 में उज्जैन जिला कांग्रेस के अध्यक्ष भी रहे। 1954-1955 में मध्य भारत कांग्रेस के कोषाध्यक्ष का पद संभाला। फरवरी, 1961 तथा अप्रैल, 1964 में राज्यसभा के लिये सदस्य निर्वाचित हुए। 1966 में बिहार में अखिल भारतीय कांग्रेस समिति के पर्यवेक्षक रहे। फरवरी, 1967 में लोक सभा के लिए निर्वाचित हुए। इसके बाद सेठीजी को 9 जून, 1962 को केन्द्रीय उप मंत्री बनाया गया। सेठी जी राज्यमंत्री, इस्पात, खान और धातु मंत्रालय के स्वतंत्र प्रभारी मंत्री, वित्त मंत्रालय में राजस्व तथा व्यय मंत्री के पद पर भी रहे। वह (Prakash Chandra Sethi) मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री भी रहे।