Story of a Cursed Diamond: क्या कोई गहना किसी इंसान की जिंदगी तबाह कर सकता है? दादी-नानी की कहानियों में हमने बहुत से ऐसे जवाहरातों के बारे में सुना है जिनके कारण राजे-रजवाड़े खत्म हो गए, लेकिन ये फिक्शन है या सच?
ऐसे ही एक नेकलेस की कहानी भारत से जुड़ी हुई है। इस नेकलेस का नाम है ब्लू होप डायमंड नेकलेस। यह भारत की कोल्लूर माइंस में से निकाला गया था और दुनिया के सबसे महंगे हीरों में से एक है।
हालांकि, इसकी प्रसिद्धि की वजह इसका महंगा होना नहीं है। इसकी प्रसिद्धि की वजह कुछ और ही है।
हर बार अपने मालिक के साथ इस हीरे ने कुछ ऐसा कर दिया कि इसका नाम दुनिया के सबसे श्रापित हीरों में शुमार हो गया।
कारटियर ब्लू होप डायमंड नेकलेस की कहानी?
इसकी कहानी 1600 की सदी में शुरू हुई जब फ्रेंच जेम मर्चेंट जीन बैप्टाइस्ट टैवेर्नियर को यह हीरा भारत की एक खदान से मिला। यह हीरा आंध्र प्रदेश के गुंटूर की कोल्लूर खदान में था। उस वक्त इस इलाके को गोलकोंडा कहा जाता था इसलिए इस हीरे का नाम गोलकोंडा डायमंड भी है।
कब पड़ा ब्लू होम डायमंड नाम?
इतिहास में इस डायमंड को धीरे-धीरे श्रापित कहना शुरू कर दिया गया और 1910 में जब तक यह फ्रेंच ज्वेलर पियरे कार्टियर के पास आया तब तक इसकी ख्याति बढ़ चुकी थी। पियरे कार्टियर फ्रांकोएस कार्टियर के पोते थे जिन्होंने कार्टियर ज्वेलरी की स्थापना की थी।
उन्होंने इस हीरे को नाम दिया ब्लू होप डायमंड। इसके बाद अमेरिकन सोसियलाइट ईवलिन ने इसे 1 लाख 80 हजार यूएस डॉलर में खरीदा जो आज की डेट में 5 मिलियन यूएस डॉलर के बराबर होगा।
अब कहां है ब्लू होप डायमंड?
अब ब्लू होप डायमंड स्मिथसोनियन इंस्टिट्यूशन में वॉशिंगटन डीसी में मौजूद है। यह म्यूजियम का अहम हिस्सा है और हर किसी को इसकी कहानी के बारे में बताया जाता है।
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