Story in doctors day: एक ऐसी कहानी जिसमें सफेद दाग की कुंठा ने बेटी को डॉक्टर बनने के लिए किया प्रेरित

Story in doctors day: एक ऐसी कहानी जिसमें सफेद दाग की कुंठा ने बेटी को डॉक्टर बनने के लिए किया प्रेरित

Story in doctors day

“बिटिया तुम्हें डॉक्टर ही बनना है,क्योंकि तुम्हारे साथ जो सफेद दाग की समस्या है उसे केवल एक डॉक्टर लड़का ही समझ पायेगा और तुम्हें अपना लेगा।कैसे भी करके मेहनत करो और डॉक्टर ही बनों, प्राइवेट कॉलेज में भी सेलेक्शन हो जाए तब भी पैसे की व्यवस्था कर लेंगे।”

एंग्जायटी की समस्या लेकर मनोचिकित्सक के पास पहुंची डॉ सुजाता (परिवर्तित) ने अपने डॉक्टर बनने के पीछे अपने माता पिता की इन बातों का जिक्र किया।आगे विवरण देते हुए उन्होंने ने कहा कि जब से बड़ी हुई माँ बाप पूरे समय मेरे सफेद दाग को लेकर चिंतित रहते थे,कहीं भी जाती थी तो बहुत महंगा मेकअप करवाते थे,कई बार तो दस हज़ार तक के मेकअप करवाये मैंने।आज तक मुझे परिवार के अलावा किसी व्यक्ति ने इसके लिए नहीं टोका।मैं स्वयं में भी खुद को हीन महसूस करने लगती थी।मम्मी पापा के कहने पर मैंने बायो ली और मेडिकल प्रवेश परीक्षा उत्तीर्ण की और भोपाल के प्राइवेट मेडिकल कॉलेज में दाखिला दिलाया और ये भी समझाया बेटा कि शादी डॉक्टर से ही करनी है।जानती हूँ कि विटिलिगो को लेकर जो समाज की सोच है उसके कारण मेरे मम्मी पापा असुरक्षित महसूस करते हैं।

इनका इलाज़ कर रहे बंसल अस्पताल भोपाल के साइकेट्रिस्ट डॉ सत्यकांत त्रिवेदी (Psychiatrist in Bhopal)ने बताया कि विटिलिगो के लगभग 70 प्रतिशत केसेस में डिप्रेशन एंग्जायटी, हीन भावना देखी जाती है।हालांकि डॉ सुजाता ने कहा कि उन्हें इस बात से फर्क नहीं पड़ता लेकिन बचपन से ऐसी बातों का इमोशनल डेवलपमेंट पर बुरा प्रभाव पड़ता है।हाइपोथैलमिक pititutary एक्सिस की संवेदनशीलता प्रभावित हो जाती है।

डर्मेटोलॉजिस्ट की माने तो विटिलिगो में व्यक्ति को शारीरिक रूप से कोई समस्या नहीं आती।ज्यादातर मामलों में शादी के उद्देश्य से लोग इसके कॉस्मेटिक ट्रीटमेंट के लिए आते हैं।कई बार उनकी अपेक्षायें वास्तविकता से परे होती हैं।हालांकि समाज में इसको लेकर जेंडर बायस है,पुरूष अपेक्षाकृत कम परेशान होते हैं।कई बार तो लोग ये भी बोल देते है कि आप कितने पैसे भी ले लीजिये पर इसको ठीक कर दीजिए।

समाजशास्त्रियों का कहना है कि भारत जैसे देशों में कई बार यह तलाक का कारण बनता है।लोगों को शादी के बाद पता चलता है तो उन्हें ऐसा महसूस होता है कि इन्हें ठगा गया है।विधि विशेषज्ञों की मानें तो इस त्वचा रोग को आधार बनाकर तलाक नहीं दिया जा सकता।कुछ समय पहले नागपुर फैमिली कोर्ट ने टिप्पणी करते हुए कहा था कि इस तरह के हल्के तथ्यों के आधार पर वैवाहिक विच्छेद के लिए याचिका दायर करना सही नहीं है।

डॉ सत्यकांत त्रिवेदी के अनुसार अगर हमारे घर में किसी को भी विटिलिगो है तो उसे आत्मविश्वास देने की कोशिश करें।स्वयं की जागरूकता से ही आप अपने परिजन को मन के घाव लगने से बचा सकते हैं।हर सिक्के के दो पहलू होते हैं,यहाँ पर मां बाप की असुरक्षा ने देश को एक होनहार डॉक्टर बिटिया दे दी।

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