हाइलाइट्स
- 3973 बच्चों में से 479 को पेट दर्द की समस्या
- 4.1% में भाई-बहन का बेहतर प्रदर्शन
- 2.1% में सहपाठियों द्वारा परेशानी
Stomach Pain in children: लखनऊ के संजय गांधी पोस्ट ग्रेजुएट इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज (SGPGI) में हुए एक अध्ययन में खुलासा हुआ है कि पढ़ाई का बढ़ता दबाव बच्चों में पेट दर्द की प्रमुख वजह बन रहा है। यह शोध जेजी ओपन जर्नल में प्रकाशित हुआ है, जिसमें बताया गया है कि 39.3% बच्चों में तनाव और 22.3% में शैक्षणिक दबाव पेट दर्द का कारण था।
3973 बच्चों में से 479 को पेट दर्द की समस्या
2 साल (अप्रैल 2018 से मार्च 2020) तक चले अध्ययन में 3973 बच्चों में से 479 को पेट दर्द की समस्या थी। इनमें 60% लड़के और 40% लड़कियां शामिल थीं, जिनकी औसत आयु 12.3 साल थी। 83.7% बच्चों का अल्ट्रासाउंड किया गया, लेकिन 63% मामलों में दर्द की कोई ठोस वजह नहीं मिली। 15% बच्चों में कार्यात्मक अपच, 17.4% में चिड़चिड़ा आंत्र सिंड्रोम (IBS) और 4.6% में एक से अधिक कारण पाए गए।
तनाव के अन्य कारण
- 6.8% बच्चों में माता-पिता का दबाव
- 4.1% में भाई-बहन का बेहतर प्रदर्शन
- 2.1% में सहपाठियों द्वारा परेशानी
क्या कहते हैं विशेषज्ञ?
SGPGI के डॉक्टरों की टीम (डॉ. जयेंद्र सीतारामन, डॉ. उज्जवल पोद्दार, डॉ. अंशु श्रीवास्तव, डॉ. मोइनाक सेन शर्मा और डॉ. सुरेंद्र कुमार याच्छा) के अनुसार, “बच्चों में मानसिक तनाव शारीरिक समस्याओं को जन्म दे रहा है। अभिभावकों और शिक्षकों को बच्चों के मानसिक स्वास्थ्य पर ध्यान देना चाहिए।”
समाधान क्या हो सकता है?
बच्चों पर पढ़ाई का अत्यधिक दबाव कम करें। उनकी भावनाओं को समझें और तनाव मुक्त माहौल दें। नियमित स्वास्थ्य जांच और योग-ध्यान को दिनचर्या में शामिल करें। यह अध्ययन बताता है कि बच्चों के पेट दर्द को नजरअंदाज नहीं करना चाहिए, क्योंकि इसकी वजह मानसिक तनाव भी हो सकता है।
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