World: अमेरिकी सीनेट ने 8 जून, 2023 को एक विकासशील राष्ट्र के रूप में पीपुल्स रिपब्लिक ऑफ चाइना को अलग करने के उद्देश्य से कानून पारित किया। बिल पास होने के साथ ही चीन से ‘विकासशील देश’ का दर्जा छीन लिया गया है। वहीं, इस फैसले के बाद चीन बौखला उठा है।
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हाल ही में अमेरिका की जो बाइडेन सरकार ने पीपुल्स रिपब्लिक ऑफ चाइना को विकासशील राष्ट्र से बाहर करने के उद्देश्य से संसद में नए बिल को मंजूरी दे दी थी। अमेरिकी हाउस ऑफ रिप्रजेंटेटिव में बिल के पक्ष में 415 सांसदों ने मतदान कर उसे पास कराया तो वहीं अमेरिकी सीनेट में भी यह बिल पास हो चुका है। वहीं, अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन के हस्ताक्षर होते ही यह बिल कानून बन जाएगा।
गौरतलब है कि विकासशील राष्ट्र के स्टेटस के तहत चीन गरीब देशों पर अपना आधिपत्य जमाने की कोशिश करता रहा है। इसके लिए वह सस्ता लोन देकर गरीब देशों को फंसाता था। विकासशील देश के दर्जे के साथ ही चीन ने दुनिया के कई देशों को अपना कर्जदार बनाया है। एक बार जो चीन के लोन वाले जाल में फंस जाता है वह हमेशा कर्ज में डूबा रह जाता है।
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विशेषज्ञों की मानें तो विकासशील देश के दर्जे के साथ ही चीन ने अपनी विस्तारवादी नीति को काफी गहरा कर लिया है। वहीं, चीन दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी इकॉनमी बनकर उभरा है। ऐसे में अमेरिकी संसद ने भी माना है कि दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी इकॉनमी रहते चीन को डेवलपिंग कंट्री का स्टेटस नहीं दी जा सकती।
अब सस्ते दर पर लोन नहीं ले सकेगा चीन
विकासशील देश’ का दर्जा छीने जाने के साथ ही चीन के मुश्किलों खड़ी होने वाली है। अब चीन को वर्ल्ड बैंक और आईएमएफ से कम ब्याज पर लोन नहीं मिल सकेगा। वर्ल्ड ट्रेड ऑर्गेनाइजेशन (WTO) से जो आर्थिक मदद मिलती है, वो नहीं मिलेगी। मुक्त और निष्पक्ष व्यापार के लिए जो थोड़ी बहुत छूट मिलती है, वो खत्म हो जाएगी यानी व्यापारिक लाभ मिलना बंद हो जाएगा। कुल मिलाकर इस फैसले से चीन की जीडीपी का ग्रोथ रेट पर असर पड़ेगा।
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