Shivaji Maharaj Statue: महाराष्ट्र में 35 फीट ऊंची छत्रपति शिवाजी महाराज की मूर्ति गिरने के बाद से राजनीतिक हलचल मची हुई है। शिवाजी महाराज की मूर्ति बनाने वाला मूर्तिकार 10 दिनों से फरार चल रहा था।
हालांकि, मूर्तिकार जयदीप आप्टे पुलिस की गिरफ्त में आ गया है। बता दें कि जयदीप आप्टे को मूर्तियां बनाने का कोई अनुभव ही नहीं है।
ठेकेदार जयदीप आप्टे को ठाणे से सिंधुदुर्ग ले जाया गया है। उसे आज अदालत में पेश किया जाएगा।
आरोपी आप्टे की खोज के लिए पुलिस की 7 टीमें बनाई गई थीं। इस दौरान मुंबई, सिंधुदुर्ग, ठाणे, कोल्हापुर में उसकी तलाश की गई, लेकिन वह कल्याण में छिपा था।
पत्नी ने दी टिप!
मूर्तिकार जयदीप आप्टे कल्याण में ही एक आर्ट कंपनी चलाता है। पुलिस के सूत्रों के मुताबिक आरोपी की पत्नी ने ही पुलिस को उसके आने की टिप दी थी। वहीं, उसके दोस्त और परिवार उसे सरेंडर के लिए मना रहे थे।
10 दिनों से फरार था युवक
जयदीप आप्टे 10 दिनों से फरार चल रहा था। उसकी आखिरी लोकेशन 10 दिन पहले मालवान के पास जहां मूर्ति गिरी थी, वहां उसके दोस्त के साथ मिली थी।
आप्टे ने अपनी पत्नी को फोन कर बताया था कि वो परिवार से मिलने घर आ रहा है। जानकारी के मुताबिक पत्नी ने इसकी जानकारी पुलिस को दे दी। बुधवार (4 सितंबर 2024) को आप्टे को उसके घर के बाहर से गिरफ्तार किया गया।
दोस्तों ने दी थी सरेंडर करने की सलाह
आप्टे के दोस्त और परिवार ने उसे सरेंडर करने की भी सलाह दी थी। उसके एक दोस्त ने TOI को बताया था कि- ‘जयदीप एक अच्छे मूर्तिकार हैं, लेकिन यह सच है कि उन्हें बड़ी मूर्ति बनाने का अनुभव नहीं था. हालांकि, मुझे यकीन है कि वे भ्रष्टाचार में लिप्त नहीं होंगे, यह एक भूल मात्र थी।’
ये करने से नहीं गिरती मूर्ति: गडकरी
केंद्रीय राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि शिवाजी महाराज की प्रतिमा बनाने में अगर स्टेनलेस स्टील का इस्तेमाल किया गया होता, तो यह नहीं गिरती। उन्होंने समुद्री इलाकों में जंगरोधी उत्पादों के इस्तेमाल की जरूरत पर भी जोर दिया।
Speaking the stainless truth!
"Any important construction within 30 kms of the coast should be made with stainless steel", says Union Minister – Road Transport and Highways, Government of India, Shri @nitin_gadkari. Highlighting its high corrosion resistance, low lifecycle cost,… pic.twitter.com/dq55KfZnhv
— Jindal Stainless (@Jindal_Official) September 4, 2024
कितनी लागत से बनी थी प्रतिमा?
छत्रपति शिवाजी की 35 फुट ऊंची प्रतिमा को महाराष्ट्र के सिंधुदुर्ग में भारतीय नौसेना की तरफ से बनवाया गया था। इस प्रतिमा के निर्माण का काम आर्टिसरी कंपनी को मिला था। जिसे 2.4 करोड़ रुपए की लागत से बनाया गया था।
1 नवंबर 2018 में महाराष्ट्र कैबिनेट ने प्रोजेक्ट को एडमिनिस्ट्रेटिव अप्रूवल दिया था। 4 दिसंबर 2023 में पीएम मोदी ने नौसेना दिवस के अवसर पर प्रतिमा का अनावरण किया था। शिवाजी महाराज के दूरदर्शी प्रयासों को श्रद्धांजलि देते हुए, ये मूर्ति महाराष्ट्र के सिंधुदुर्ग जिले के एक किले में स्थापित की गई थी।
26 अगस्त को टूटी प्रतिमा
26 अगस्त 2024 में छत्रपति शिवाजी महाराज की ये प्रतिमा टूट गई। इस दौरान मूर्तिकार जयदीप आप्टे और स्ट्रक्चरल कंसल्टेंट- ठेकेदार चेतन पाटिल पर FIR दर्ज की गई।
इस दौरान कोल्हापुर क्राइम ब्रांच और मालवण पुलिस ने चेतन पाटिल को को गिरफ्तार कर लिया। हालांकि, उसने दावा किया कि उसने मूर्ति के लिए केवल प्लेटफॉर्म का डिजाइन तैयार किया था।
क्या है आरोपी का पॉलिटिकल कनेक्शन?
26 अगस्त को छत्रपति शिवाजी की ये मूर्ति गिरने के बाद सीएम एकनाथ शिंदे ने कहा कि तेज हवा चल रही थी, इस वजह से मूर्ति गिर गई।
इसके बाद राजनीतिक हलचल तेज हो गई। उद्धव ठाकरे गुट ने कहा कि आरोपी आप्टे का कोई अंडरवर्ल्ड डॉन नहीं है, फिर भी उसकी गिरफ्तारी में देर क्यों हो रही है।
शिंदे के बेटे का दोस्त है आरोपी?
इस दौरान शिवसेना (UBT) ने आरोप लगाया था कि 24 साल का आप्टे CM शिंदे के बेटे का दोस्त है।