महाकुंभ में भगदड़: रात 1:45 बजे संगम नोज पर जो हुआ पता चल गया, आंखों-देखा हाल और ये थ्योरी जान लीजिए
प्रयागराज में मौनी अमावस्या स्नान के दौरान महाकुंभ में हुई भगदड़ से पूरा देश गमगीन है… महाकुंभ से कई दर्दनाक तस्वीरें सामने आ रही है… संगम तट पर मंगलवार-बुधवार की रात करीब डेढ़ बजे भगदड़ मचने से 20 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई.. 50 से ज्यादा श्रद्धालु घायल हैं.. रात करीब 1:45 बजे संगम सोज पर जो हुआ उसकी एक नहीं कई थ्योरी सामने आई है.. चलिए जानते हैं आखिर महाकुंभ में भगदड़ कैसे मची..? मौनी अमावस्या पर अमृत स्नान का ब्रह्म मुहूर्त 29 जनवरी को सुबह 5 बजकर 25 मिनट पर शुरू हो रहा था… ये ब्रह्म मुहूर्त 6 बजकर 19 मिनट पर समाप्त होने वाला था.. लेकिन 28 जनवरी यानी मंगलवार रात करीब 10:00 बजे से संगम पर लोगों की भीड़ पहुंचने लगी.. प्रशासन चाहता था कि लोग आएं, स्नान करें और जाएं. लेकिन लोग अमृतस्नान ‘अमृतवेला’ में करने के चलते इकट्ठा होने लगे थे. वहीं, मौनी अमावस्या के पर्व पर अमृत स्नान के लिए हर कोई संगम नोज पर ही स्नान करना चाहता था. ऐसे में लोगों की भीड़ बढ़ने लगी. जो लोग मौनी अमावस्या पर ही स्नान करने के लिए आए थे, वे बैरिकेडिंग के किनारे पॉलिथीन बिछाकर लेटें हुए थे. प्रशासन ने सुबह 5 बजे से शुरू होने वाले विभिन्न अखाड़ों के अमृत स्नान के लिए भी एक पूरा रास्ता रिजर्व किया था. बुधवार सुबह लगभग 1 बजे से भीड़ को जिस रास्ते से स्नान के लिए जाना था, वहां भीड़ क्षमता से ज्यादा होने लगी. पुलिस प्रशासन इनको चिन्हित बैरिकेडिंग से ही घाट पर जाने और वापस करने की प्लानिंग में था. लेकिन भीड़ इतनी ज्यादा होकर बेकाबू हो गई कि लगभग 1.45 बजे से 2 बजे के बीच लोग अनियंत्रित होकर बैरिकेडिंग कूदकर संगम जाने लगे. बैरिकेडिंग कूदकर जाने में लोग उन परिवारों पर गिर गए, जो वहां सो रहे थे. इसके बाद लकड़ी की बल्ली टूटी तो भीड़ अचानक लोगो की रौंदकर बढ़ने लगी और भगदड़ मच गई..