हाइलाइट्स
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सपा-कांग्रेस के बीच यूपी में 17 सीटों पर सहमति
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प्रियंका गांधी ने की अखिलेश यादव से बातचीत
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राहुल की न्याय यात्रा में शामिल होंगे अखिलेश यादव
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एमपी की खजुराहो सीट कांग्रेस ने सपा को दी
SP-Congress Alliance: यूपी में कांग्रेस और सपा गठबंधन का मुद्दा बीते कुछ दिनों से लगातार चर्चा का विषय बन रहा था. इस मुद्दे को कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने विराम दे दिया. प्रियंका ने सपा प्रमुख अखिलेश यादव से बातचीत कर सपा के 17 सीटों के प्रस्ताव पर सहमति दे दी है. अब इन 17 सीटों पर सपा-कांग्रेस साथ मिलकर चुनाव लड़ेंगी. वहीं एमपी में भी कांग्रेस ने सपा को एकमात्र खजुराहो सीट देने का फैसला किया है.
यूपी में इन सीटों पर कांग्रेस-सपा साथ
सपा ने कांग्रेस को जो 17 सीटें दी हैं. उसमें उनमें अमेठी, रायबरेली, प्रयागराज, वाराणसी, महाराजगंज, देवरिया, बांसगांव, सीतापुर, अमरोहा, बुलंदशहर, गाजियाबाद, कानपुर, झांसी, बाराबंकी, फतेहपुर सीकरी, सहारनपुर और मथुरा शामिल हैं. बता दें यूपी में कुल 80 लोकसभा सीटें हैं. जिसमें से 17 सीटों के अलावा शेष 63 सीटों पर सपा या अन्य दलों के उम्मीदवार चुनावी मैदान में उतरेंगे.
प्रियंका गांधी की रही अहम भूमिका
गठबंधन (SP-Congress Alliance) में चुनाव लड़ने को लेकर कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी की अहम भूमिका रही. सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने सोमवार को दिए अपने बयान में कहा था कि कांग्रेस हमारे 17 सीटों के प्रस्ताव को स्वीकार करती है तो ही वे राहुल गांधी की न्याय यात्रा में शामिल होंगे. इसके साथ ही सपा ने लोकसभा प्रत्याशियों की पहली दूसरी और तीसरी लिस्ट भी जारी की थी. इसके बाद प्रियंका गांधी ने अखिलेश यादव से बातचीत कर सपा को गठबंधन के लिए मनाया. सपा ने अबतक 31 सीटों पर अपने प्रत्याशी घोषित कर दिए हैं.
न्याय यात्रा में शामिल होंगे अखिलेश
सपा के 17 सीटों के प्रस्ताव को स्वीकार करने के बाद अखिलेश यादव अब यूपी में राहुल गांधी की न्याय यात्रा में भी शामिल हो सकते हैं. प्रेस कॉन्फ्रेंस में अखिलेश यादव ने कहा ‘अब किसी तरह का कोई विवाद नहीं है. अंत भला तो सब भला’
एमपी में खजुराहो सीट पर चुनाव लड़ेगी सपा
एमपी में कांग्रेस ने खजुराहो सीट सपा को देने का फैसला किया है. बता दें 2019 में कांग्रेस ने एमपी में एकमात्र सीट छिंदवाड़ा से नकुलनाथ ने जीती थी. खजुराहो सीट से वर्तमान में बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा सांसद हैं. ऐसे में कहा जा सकता है कि सपा का मुकाबला सीधे-सीधे बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष से होने वाला है.