Soybean Producer Farmers Protest: मध्य प्रदेश का किसान सोयाबीन के रेट 6 हजार रुपये प्रति क्विंटल करने की मांग को लेकर गांव-गांव ज्ञापन दे रहे हैं और इधर कृषि मंत्री को इसकी जानकारी नहीं है।
बता दें कि 7 सितंबर तक किसान संगठन पंचायत स्तर पर सोयाबीन के रेट बढ़ाने की मांग को लेकर सरपंच-सचिवों को ज्ञापन दे रहे हैं।
पहले जान लीजिए कृषि मंत्री ने क्या कहा
प्रदेश के दो दर्जन से अधिक जिलों में किसान आंदोलन कर रहे हैं। ज्ञापन देने का ये सिलसिला 1 सितंबर से शुरु हो गया है। इससे पहले 30 अगस्त को युवा किसानों ने डिजिटल प्रोटेस्ट भी किया था।
किसानों की सोयाबीन रेट बढ़ाने की मांग को लेकर जब मध्य प्रदेश के कृषि मंत्री एंदल सिंह कंषाना से सवाल किया गया, तो उन्होंने कहा कि किसान की मांग उन तक पहुंची ही नहीं है। अगर मांग आएगी, तो किसान का सम्मान किया जाएगा।
बीजेपी की सदस्यता का विरोध करने की दिग्विजय की अपील
पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह ने किसानों ने बीजेपी के सदस्यता अभियान का विरोध करने की अपील की है। दिग्विजय सिंह ने एक्स पर लिखा कि किसान भाइयों भारतीय जनता पार्टी सदस्य अभियान चला रही है।
किसान भाइयों भारती जनता पार्टी सदस्य अभियान चला रही हे इसको मुंह तोड़ जवाब देना हे तो इस बार सदस्यता ना लें अगर आप किसान हो तो इसका विरोध करो सोयाबीन का भाव दो और सदस्यता लो।
– बलराम चौधरी #सोयाबीन_भाव_6000_करो— Digvijaya Singh (@digvijaya_28) September 4, 2024
इसका मुंह तोड़ जवाब देना है, तो इस बार सदस्यता ना लें। अगर आप किसान हो, तो इसका विरोध करो। सोयाबीन का भाव दो और सदस्यता लो।
शिवराज को कांग्रेसियों ने रोक कर याद दिलाया वादा
इधर, दो दिन पहले विदिशा लोकसभा क्षेत्र के दौरे पर गंजबासौदा पहुंचे केन्द्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान को कांग्रेसियों ने रोक लिया था।
सोयाबीन के रेट 6 हजार रुपये करने की मांग: किसान गांव-गांव में सरपंच सचिवों को दे रहे ज्ञापन, मंत्री जी बोले पता नहीं!#Soybean #SoybeanPrice #SoybeanRate #MPNews #FarmersProtest @Aidalsinghkbjp @OfficeofSSC @minmpkrishi @bjpkm4kisan @kisanektamorcha
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कांग्रेसियों ने उन्हें पुराने वादे याद दिलाते हुए गेहूं का दाम 2700 रुपए प्रति क्विंटल करने और सोयाबीन का दाम 6 हजार रुपए प्रति क्विंटल कराने की मांग की। इसका वीडियो सोशल मीडिया पर सामने आया है।
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कमलनाथ बोले- सोया प्रदेश का दर्जा दिलाने वालों की मांग पूरी हो
पूर्व सीएम कमलनाथ ने X पर लिखा कि एक तरफ तो 5.47 मिलियन टन उत्पादन के साथ देश में पहला स्थान प्राप्त कर मध्य प्रदेश को ‘सोया प्रदेश’ का दर्जा मिला है। वहीं, दूसरी तरफ फसल उगाने वाले किसान उपज का सही मूल्य न मिलने से परेशान हैं।
एक तरफ़ तो 5.47 मिलियन टन उत्पादन के साथ देश में पहला स्थान प्राप्त कर मध्य प्रदेश को पूरे देश में 'सोया प्रदेश' का दर्जा मिला है, वहीं दूसरी तरफ़ सोयाबीन की फ़सल उगाने वाले किसान उपज का सही मूल्य न मिलने से परेशान हैं।
पिछले कई वर्ष से सोयाबीन के न्यूनतम समर्थन मूल्य में वृद्धि…
— Kamal Nath (@OfficeOfKNath) September 4, 2024
पिछले कई साल से सोयाबीन के न्यूनतम समर्थन मूल्य में वृद्धि नहीं हुई है। बाजार भाव चार हजार रुपए प्रति क्विंटल पर अटका है, जबकि किसानों की लागत कई गुना बढ़ गई है।
मैं मुख्यमंत्री से मांग करता हूं कि जिन किसानों ने सोया प्रदेश का तमगा दिलाया, उन किसानों को सोयाबीन का उचित मूल्य प्रदान करना सरकार सुनिश्चित करे।
किसान संगठनों की ये रणनीति
1 से 7 सितंबर तक किसान संगठन अपने अपने इलाकों में सोयाबीन उत्पादक गांवों में ज्ञापन देंगे। अंदाज इस बात का है कि करीब 10 हजार गांवों में सरपंच और सचिवों को ज्ञापन दिया जाएगा।
7 सितंबर तक यदि सरकार किसानों की मांगें पूरी नहीं करती है तो किसान फिर सड़कों पर उतरने (Soybean Rate Kisan Protest) की रणनीति बनाएंगे।