Sovereign Gold Bond: शादियों का सीजन जहां पर जारी है तो वहीं पर निवेश के नजरिए से हर कोई सोना खरीदने की सोचता रहता है जल्द ही सस्ता सोना खरीदने का मौका सरकार आपको देने जा रही है जहां पर अगले हफ्ते यानि 19 दिसंबर से 23 दिसंबर तक के लिए सॉवरेन गोल्ड बांड स्कीम (Sovereign Gold Bond Scheme) में पैसा लगाने का मौका आपको मिलेगा जिसमें आप आसानी से पैसा लगा सकते है।
वित्त मंत्रालय ने की घोषणा
आपको बताते चलें कि, इस सीरीज को लेकर वित्त मंत्रालय ने जानकारी दी है जिसमें बताया कि, भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) दो चरणों में सरकारी स्वर्ण बॉन्ड योजना जारी करने जा रहा है जिसमें निवेश के लिये दिसंबर और मार्च में लाइने खुलेंगी। बताया जा रहा है कि, सरकारी स्वर्ण बॉन्ड (SGB) 2022-23 की तीसरी सीरीज सब्सक्रिप्शन के लिए 19 दिसंबर से 23 दिसंबर तक खुलेगी। वहीं चौथी सीरीज छह से 10 मार्च तक खुलेगी। आपको बता दें कि, केन्द्र सरकार द्वारा गोल्ड मोनेटाइजेशन स्कीम के तहत सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड योजना (Sovereign Gold Bond Scheme) की शुरुआत की गई है। इस योजना के तहत लोग गोल्ड में अपना पैसा निवेश कर अधिक लाभ ले सकते हैं। सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड स्कीम की किस्त समय-समय पर एक निश्चित अवधि के लिए खुली रहती है। जिसके लिए बॉन्ड पर गारंटी सरकार की होती है।
जानें कहां से और कितना खरीद सकते है सोना
आपको बताते चलें कि, केंद्रीय रिजर्व बैंक के अनुसार, ग्राहक को सोना खरीदने के लिए गोल्ड बांड बैंकों (छोटे वित्त बैंकों और भुगतान बैंकों को छोड़कर), स्टॉक होल्डिंग कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (एसएचसीआईएल), नामित डाकघरों और मान्यता प्राप्त स्टॉक एक्सचेंजों जैसे कि नेशनल स्टॉक एक्सचेंज ऑफ इंडिया लिमिटेड और बीएसई के जरिए खरीदे जा सकते हैं। इसके लिए ट्रस्ट और विश्वविद्यालयों के लिए अधिकतम सीमा 20 किलोग्राम है। इंडिविजुअल्स और एचयूएफ के लिए यह सीमा 4 किलोग्राम है। भारत का कोई भी निवासी व्यक्ति और हिंदू अविभाजित परिवार, ट्रस्ट, विश्वविद्यालय और धर्मार्थ संस्थान सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड योजना में निवेश करने की पात्रता होती है।
जानें कितनी होती है गोल्ड बॉन्ड की कीमत
आपको बताते चलें कि, इस सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड में कीमत 999 शुद्धता वाले सोने की कीमत से भी लिंक्ड होती है। गोल्ड बॉन्ड (Sovereign Gold Bond) के लिए ऑनलाइन आवेदन करने और ऑनलाइन ही पेमेंट करने पर डिस्काउंट का फायदा भी मिलता है। इसके अलावा इस योजना का लाभ पाने के लिए शुरुआती निवेश की राशि पर सालाना 2.50 फीसद की एक निश्चित ब्याज दर प्राप्त होती है। इस ब्याज को निवेशक के बैंक खाते में छमाही आधार पर जमा किया जाता है। यह ब्याज इनकम टैक्स एक्ट, 1961 के तहत टैक्सेबल है। एक वित्त वर्ष में गोल्ड बॉन्ड से हासिल ब्याज करदाता की अन्य सोर्स से इनकम में काउंट होता है। इसलिए इस पर टैक्स इस आधार पर लगता है कि करदाता किस इनकम टैक्स स्लैब में आता है। वहीं पर इस बॉन्ड की मैच्युरिटी अवधि की बात की जाए तो, अवधि 8 साल की होती है। साथ ही आपको इसमें 5वें वर्ष के बाद अगले ब्याज भुगतान तारीखों पर बाहर निकलने का विकल्प भी मिलता है। मैच्योरिटी पीरियड पूरा होने के बाद ग्राहक को प्राप्त होने वाला रिटर्न पूरी तरह टैक्स फ्री है।