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साउथ कोरिया में इमरजेंसी लगाई: राष्ट्रपति ने कहा- विपक्ष नॉर्थ कोरिया के इशारे पर देश में अस्थिरता पैदा कर रहा

South Korea Emergency: राष्ट्रपति ने साउथ कोरिया में इमरजेंसी लगाई, कहा- विपक्ष नॉर्थ कोरिया के इशारे पर देश में अस्थिरता पैदा कर रहा

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BP Shrivastava

South Korea Emergency: दक्षिण कोरिया में 3 दिसंबर को राष्ट्रपति यून सुक योल ने इमरजेंसी मार्शल लॉ लागू करने की घोषणा की। राष्ट्रपति योल ने विपक्ष पर संसद को नियंत्रित करने, उत्तर कोरिया के साथ सहानुभूति रखने और सरकार गिराने वाली गतिविधियों में शामिल होने की बात कही है।

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राष्ट्रपति यून ने किया ऐलान

[caption id="attachment_710068" align="alignnone" width="869"]publive-image साउथ कोरिया के राष्ट्रपति यून सुक योल।[/caption]

राष्ट्रपति यून ने टेलीविजन पर प्रसारित राष्ट्र के नाम संबोधन में यह ऐलान किया है। इसके साथ ही साउथ कोरिया में जारी राजनीतिक तनाव और बढ़ गया है। यून की पीपुल्स पावर पार्टी मई 2022 से सत्ता में हैं। वहीं विपक्षी डेमोक्रेटिक पार्टी सरकार की नीतियों का विरोध कर रही है। 1980 के बाद यह पहली बार है, जब दक्षिण कोरिया में मार्शल लॉ घोषित किया गया है।

साउथ कोरिया में मॉर्शल लॉ ऐसे समय में लगाया गया है, जब संसद में सरकार और विपक्षी दल के बीच बजट विधेयक को लेकर मतभेद है। राजधानी सियोल में सड़क से लेकर संसद तक में प्रदर्शन हुआ। संसद में इस फैसले के खिलाफ मतदान हुआ है।

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संसद के ऊपर हेलिकॉप्टर तैनात

सुरक्षा को लेकर संसद के ऊपर हेलिकॉप्टर तैनात कर दिए गए हैं। इसी बीच सेना ने कई विपक्षी सांसदों को हिरासत में ले लिया है। मार्शल लॉ लागू करने के विरोध में दक्षिण कोरियाई संसद के बाहर प्रदर्शनकारियों और पुलिस के बीच जमकर झड़प हुई।

[caption id="attachment_710069" align="alignnone" width="839"]publive-image नेशनल असेंबली में विपक्षी नेताओं को रोकते सुरक्षा कर्मी।[/caption]

मार्शल लॉ के बाद रैलियां बैन, प्रसारण पर रोक

  • साउथ कोरिया में इमरजेंसी लागू होने के बाद नेशनल असेंबली, स्थानीय परिषदों और राजनीतिक दलों, राजनीतिक संघों, रैलियों और प्रदर्शनों सहित सभी राजनीतिक गतिविधियां बैन कर दी गई हैं।
  • फेक न्यूज, पब्लिक ओपिनियन और झूठे प्रचार पर रोक रहेगी।
  • सभी मीडिया और प्रकाशन मार्शल लॉ कमांड के नियंत्रण के अधीन होंगी।
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  • हड़ताल, काम रोकने पर कार्रवाई की जाएगी।
  • ट्रैनी डॉक्टरों सहित सभी चिकित्सा कर्मी, जो हड़ताल पर हैं या चिकित्सा क्षेत्र छोड़ चुके हैं, उन्हें 48 घंटे के अंदर अपनी नौकरी पर लौटना होगा। ईमानदारी से काम करना होगा। उल्लंघन करने वालों को मार्शल लॉ के अनुसार सजा दी जाएगी।

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