बंसल न्यूज। Soil Health Card Scheme क्या आपको पता है कि हमारे शरीर की स्वास्थ्य जांचों की ही तरह मिट्टी के स्वास्थ्य की भी जांच की जाती है। जी हां, यह बिल्कुल सही है। मिट्टी के स्वास्थ्य की जांच सरकार द्वारा कराई जाती है। ताकि हमारे देश के किसान अच्छी फसलों का उत्पादन कर सकें। इसके लिए Soil Health Card Scheme मृदा स्वास्थ्य कार्ड योजना सरकार द्वारा चलाई जा रही है। इसके चलते देश के किसान ऑनलाइन आवेदन कर मिट्टी का स्वस्थ्य परीक्षण कराकर सर्टिफिकेट के रूप में कार्ड बनवाते हैं।
आपको बता दें कि सम्पूर्ण मध्यप्रदेश में बेहतर फसल उत्पादन एवं मृदा स्वास्थ्य के लिए संन्तुलित जमीनी तत्वों की जरूरत पड़ती है। फसलों के लिए उचित पोषण के लिए खेत की मिट्टी में उपलब्ध विभिन्न प्रमुख एवं गौण पोषक तत्वों की उपस्थित मात्रा की जानकारी मिट्टी परीक्षण द्वारा की जाती है। जिसके बाद प्राप्त परिणामों के आधार पर किसान खाद का सन्तुलित मात्रा में उपयोग कर अधिक उत्पादन प्राप्त कर सकते है ।
यह कहलाता है मिट्टी परीक्षण
खेत की मिट्टी में पौधो की समुचित वृध्दि एवं विकास हेतु आवश्यक पोषक तत्वों की उपलब्ध मात्राओं का रासायनिक परीक्षणों द्वारा आंकलन करना साथ ही विभिन्न मृदा विकास जैसे मृदा- लवणीयता, क्षारीयता एवं अम्लीयता की जांच करना मिट्टी परीक्षण कहलाता है ।
ऐसे किए जाते हैं नमूने एकत्रित
मिट्टी परीक्षण के लिए सबसे महत्वपूर्ण होता है कि मिट्टी का सही नमूना एकत्र करना । इसके लिए जरूरी होता है कि नमूना इस प्रकार लिया जाए कि वह जिस खेत या क्षेत्र से लिया गया हो उसका पूर्ण प्रतिनिधित्व करता हो। मिट्टी के नमूने लेने के लिए- खुरपी, फावडा, बाल्टी या ट्रे, कपडे एवं प्लास्टिक की थैलियां , पेन, धागा, सूचना पत्रक , कार्ड आदि की जरूरत पड़ती है। जिस खेत में नमूना लेना हो उसमें जिग-जैग प्रकार से घूमकर 10-15 स्थानो पर निशान बना ले जिससे खेत के सभी हिस्से उसमें शामिल हो सकें। लिए गए नमूनों को मिट्टी परीक्षण प्रयोगशाला भेजा जाता है। इसके लिए सरकार मृदा स्वास्थ्य कार्ड योजना चला रही है, जिसके तहत किसानो को एक खेत के लिए हर 3 साल में एक मृदा स्वास्थ्य कार्ड दिया जाएगा। भारत सरकार ने इस योजना के तहत 568 करोड़ रुपए का बजट तय किया है।
मिट्टी परीक्षण से संबंधित जानकारी नीचे दी गई लिंक पर जाकर प्राप्त कर सकते हैं।
https://soilhealth.dac.gov.in/